Book Title: Bhudhar Bhajan Saurabh Author(s): Tarachand Jain Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan View full book textPage 8
________________ विषय-सूची पृ. संख्या भजन संख्या महाकवि भूधरदास : एक परिचय १. लगी लौ नाभिनन्दनसों २. आज गिरिराज के शिखर ३. रटि रसना मेरी ऋषभ जिनन्द ४. मेरी जीभ आठों जाम ५. आरती आदि जिनन्द तुम्हारी ६. आदि पुरुष मेरी आस भरो जी ७. अजित जिनेश्वर अघहरणं ८. अजित जिन विनती हमारी मान जी ९. एजी मोहि तारिये शान्ति मिशन १०. भगवन्त भजन क्यों भूला रे ११. .अब नित नेमि नाम भनौ १२. मा विलंब न लाव, पठाव तहाँ री १३. नेमि बिना न रहै मेरो जियरा १४. देख्यो री! कहीं नेमिकमार १५. तहाँ लै चल री! जहाँ जादौपति प्यारो १६. अहो धनवासी पिया १७. देखो गरज गहेली री हेली १८. जग में जीवन थोरा १९. मेरे मन सूवा, जिनपद पीजरे वसि २०. त्रिभुवन गुरु स्वामी जी २१. पारस-पद-नख प्रकाश २२. अरे! हाँ चेतो रे भाई! २३. जपि माला जिनवर नामकी २४. पारस प्रभु को नाऊँ २५. तुम तरन तारन भव निवारन २६. सीमंधर स्वामी मैं चरनन का चेरा २७. धापुर के वारणै जाऊँ २८. थांकी कथनी म्हांनै प्यारी लग जी २९. अरे मन चल रे श्रीहथनापुर की जातPage Navigation
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