Book Title: Bharatiya Achar Darshan Part 02
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 484
________________ 482 76. दशवैकालिक, 8/39 77. उत्तराध्ययन, 1/45 78. उत्तराध्ययन, 1/45 79. अंगुत्तरनिकाय, 3/39 80 सुत्तनिपात 1/6/14 81. गीता, 16/14-15 82. वही, 16/17 83. महाभारत, शांतिपर्व, 176 /17-18 84. दशवैकालिक, 8/38 85. उत्तराध्ययन, 29/48 86. दशवैकालिक, 5/2/46 87. वही, 5/2/49 88. अंगुत्तरनिकाय, 2/15-16 89. महाभारत, शांतिपर्व, 175/37 90. गीता, 16/1 91. वही, 17/14 92. वही, 13/7-11 93. तत्त्वार्थसूत्र (सुखलालजी की विवेचनासहित), पृ. 210 94. उत्तराध्ययन, 12 /46 95. गीता, 16 / 3, 17 / 14, 18/42 96. गीता शांकरभाष्य 13/7 97. आचारांग 1/3/3/119 98. दशवैकालिक, 1/1 99. अभिधानराजेन्द्र, खण्ड 7, पृ. 87 100. धम्मपद, 375 101. वही, 361 भारतीय आचार-दर्शन : एक तुलनात्मक अध्ययन 102. गीता 2/61 103. वही, 426 104. वही, 4/29 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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