Book Title: Bharatiya Achar Darshan Part 02
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 557
________________ सहायक ग्रन्थ सूची 555 डेटा आफ एथिक्स डेव्हलपमेन्ट आफ मारल फिलासफी इन इण्डिया तत्त्वार्थसूत्र (उमास्वाति) तत्त्वार्थसूत्र सर्वार्थसिद्धि टीका तत्त्वार्थसूत्र राजवार्तिक टीका तुम अनन्त शक्ति के स्रोत हो तट दो प्रवाह एक तैत्तरीयोपनिषद् तेजोबिन्दूपनिषद् थ्री लेक्चरस्आन वेदान्त फिलासफी थेरगाथा दशवैकालिक स्पेन्सर सुश्रीसूर्मादास गुप्ता, Orient Longmans, Bombay, 1961 सन्मति ज्ञानपीठ आगरा पूज्यपाद, शोलापुर, शक सं. 1839 अकलंक, कलकत्ता, 1929 ई. मुनि नथमल, भारतीय ज्ञानपीठ- 1964 ई. मुनिनथमल, आदर्शसाहित्यसंघ, चुरू 1967 ई. संस्कृति संस्थान, बरेली, 108 उपनिषदें संस्कृति संस्थान, बरेली, 108 उपनिषदें मैक्समूलर, लांगमन्स ग्रीन एण्ड को लन्दन 1911 ई. भिक्षुधर्मरत्न, महाबोधिसभा सारनाथ 1955 ई. (संस्कृत छाया सहित) मुनि हस्तीमलजी, मोतीलाल बालमुकुन्द मुथा (हिन्दी अनुवाद) स्था. जैन कान्फरेन्स बम्बई बम्बई सं. 1993 ई. कुन्दकुन्द, देखिए- अष्ट पाहुड पं.सुखलालजी, गुजरात विधासभा अहमदाबाद 1957 ई. राहुल सांस्कृत्यायन, किताब महल, इलाहाबाद 1947 ई. नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, देहली 1956 ई. एच. एस. रशडाल,आक्सफोर्ड 1907 ई. ए.सी. मुकर्जी, इण्डियन प्रेस, इलाहाबाद सं.- भिक्षु जगदीश काश्यप, नवनालन्दामहाविहार प्रो. एम. हरियन्ना, Kavyalaya Publishers, Mysore, 1952 दशवैकालिक दशवैकालिकनियुक्ति दर्शन पाहुड दर्शन और चिन्तन दर्शन दिग्दर्शन द्रव्य संग्रह दिथ्योरी आफ गुड एण्ड इविल दिनेचर आफ सेल्फ दीघनिकाय दिक्वेस्ट आफ्टर परफेक्शन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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