Book Title: Bhagwati Sutra Part 10
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 644
________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका श० १३ उ०४ सू० ८ स्पर्शनाद्वारनिरूपणम् ६२१ वर्तमानसमययुक्तानि अनन्तानि द्रव्याणि, अनन्ता एव समयाः, इत्यन्तै स्तैः स्पृष्ट इत्युच्यते ६ । गौतमः पृच्छति-' एगे भंते ! अहमत्यिकायपए से केवइएहि धम्मस्थिकायपएसेहिं पुढे ? ' हे भदन्त ! एका खलु अधर्मास्विकायप्रदेश: कियनिः धर्मास्तिकायप्रदेशैः स्पृष्टो भवति ? भगवानाह- गोयमा ! जहन्नपए उहि, उक्कोसपए सत्तहि' हे गौतम ! जघन्यपदे-जघन्येन चतुर्मि: धर्मास्तिकाय. प्रदेशै उत्कृष्टपदे-उत्कृष्टेन ससभिः धर्मास्तिकायप्रदेशः एकोऽधर्मास्तिकायमदेश: स्पृष्टो भवति ॥ गौतमः पृच्छति-'केवइएहिं अहम्मस्थिकायपएसेहिं पुढे ?' हे भदन्त ! एकोऽधर्मास्तिकायप्रदेशः कियद्भिः अधर्मास्तिकायमदेशैः स्पृष्टो भवति ? भगवानाह-'जहमपए तिहिं, उक्कोसपए छहिं, सेसं जहा धम्मस्थिकाअथवा-वर्तमानसमयविशिष्ट अनन्तद्रव्य अनन्तसमयरूप ही है-इस प्रकार से भी वह अनन्तसमयों से स्पृष्ट कहा गया है ६ । अव गौतम प्रभु से ऐसा पूछते हैं-'एगे भंते ! अहमस्थिकाथपएले केवइएहिं धम्मस्थिकायपएसेहिं पुढे' हे भदन्त ! अधर्मास्तिकाय का प्रदेवा धर्मास्तिकाय का एकप्रदेश धर्मास्तिकाय के कितने प्रदेशों से स्पृष्ट होता है ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-'गोयमा ! जहन्नपए चाहिं, उकोसपए सत्ताहि' हे गौतम । एक अधर्मास्तिकायका प्रदेश जघन्य ले चार धर्मास्तिकाय प्रदेशों से और उत्कृष्ट से सात धर्मास्तिकाय प्रदेशों से स्पृष्ट होता है । अय गौतम प्रभु ऐला पूछते हैं-'केवइएहि अहम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे' एक अधर्मास्तिकाय प्रदेश कितने अधर्मास्तिकायप्रदेशों से स्पष्ट होता है ? उत्तर में प्रभु कहते हैं-'जहन्नपए तिहि, उनोसपए હોય છે. અથવા–વર્તમાન સમય વિશિષ્ટ અનંત દ્રવ્ય અનંત સમય રૂપ જ છે, આ રીતે પણ તેને અનંત સમયે વડે સ્પષ્ટ કહ્યું છે. गौतम स्वाभीर प्रश्न-" एगे भंते ! अहमत्थिकायपएसे केवइएहि धम्मथिकायपएसेहि पुढे सगवन् ! मस्तियने मे ५श भारतકાયના કેટલા પ્રદેશ વડે ધૃષ્ટ થાય છે? ___ महावीर प्रभुना उत्तर-" गोयमा! जहन्नपए चउहि, उक्कोसपए सत्तहि। હે ગૌતમ ! એક અધમસ્તિકાયનો પ્રદેશ ઓછામાં ઓછા ચાર અને વધારેમાં વધારે સાત ધર્માસ્તિકાયના પ્રદેશ વડે સ્પષ્ટ થાય છે. गौतम स्वाभाना प्रश्न-" केवइएहि अहम्मत्थिकायपएसेहिं पुढे?" 8 ભગવન્! એક અધર્માસ્તિકાય પ્રદેશ કેટલા અધમસ્તિકાય પ્રદેશે વડે પૂર્ણ થાય છે?

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