Book Title: Bhagwati Sutra Part 10
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 716
________________ प्रमेयचन्द्रिका टोका श० १३ उ० ४ सू० १० अवगाहनाद्वारनिरूपणम् ६९३ धर्मास्तिकायप्रदेशोऽवगाढो भवति, गौतमः पृच्छति-'केनइया अहमस्थिकायपएसा ओगाढा ?' तत्र कियन्तोऽधर्मास्तिकायपदेशा अवगाहा भवन्ति ? भगवानाह'एक्को' तत्र एकोऽधर्मास्तिकायम देशोऽगाढो भवति । गीतमः पृच्छति- केवइया आगामयिकायपएसा ओगाहा ?' तब कियन्तः आकाशास्तिकायप्रदेशा अवगाढा भान्ति ? भगानाह-' एकको ' तत्र एक आकाशास्तिकायमदेशोऽवगाढो भवति । गौमः पृच्छति- केवइया जीवत्यिकायपएमा अगाढा ? ' वत्र कियन्तो जीवास्तिकाममदेशा अवगाहा भान्ति ? भगवानाह-'अगंता, एवं जान ___ अब गौतम प्रभु से ऐसा पूछते है-'केवड्या अहम्मस्थिकायपएसा ओगाढा' हे भदन्त | जहां एक अद्धासमय अवगाढ होता है-वहां अधर्मासिनकाय के कितने प्रदेश अवगाढ होते हैं ? उत्सर में प्रभु कहते हैं-'एकको' हे गौतम ! वहां पर अधर्मास्तिकाय का एक प्रदेश अप्रगाढ होता है। ____अब गौतम प्रभु से ऐसा पूछते हैं - केवड्या आगालस्थिकायपएसा ओगाढा हे भदन्त ! जहां अद्धासमय अवगाह है, वहां पर आकाशास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ होते हैं ? उत्तर में प्रभु कहते हैं 'एक्को' हे गौतम! वहां पर आकाशास्तिकाय का एक प्रदेश अवगाह होता है। ____अब गौतम ऐसा पूछते हैं-'केवड्या जीवस्थिकायपएसा ओगाढा' हे भदन्न ! जहां पर एक अद्धालमय अवगाढ है, वहां पर जीवास्तिकाय गौतम स्वामीना प्रश्न- केवइया अहम्मस्थिकायपएसा ओगाढा ?" है ભગવાન ! જ્યાં એક અદ્ધ સમય અવગાહ હોય છે, ત્યાં અધમસ્તિકાયના કેટલા પ્રદેશે અવગાઢ હોય છે? महावीर प्रभुना त्तर-"एको" ३ गौतम ! त्यो अपमास्तियन! એક પ્રદેશ અવગાઢ હોય છે. गौतम सामान - केवइया आगासस्थिकायपएसा ओगादा" હે ભગવન! જ્યાં એક અદ્ધામમય અવગાઢ હોય છે, ત્યાં આકાશાસ્તિકાયના કેટલા પ્રદેશે અવગાઢ હોય છે? उत्तर- एक्को" गौतम! Al मा शास्तियन ४ प्रदेश અવગાઢ હોય છે गौतम साभारा प्रश्न-" केवइया जीवस्थिकायपएसा भोगाढा ? 8 ભગવદ્ ! જ્યાં એક અદ્ધાસમય અવગાઢ હોય છે, ત્યાં જીવાસ્તિકાયના કેટલા પ્રદેશ અગઢ હોય છે?

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