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४७३. सव्वे मउए सब्वे उसिणे देसा गरुया देसा लहुया देसा
णिद्धा देसा लुक्खा, एत्थ वि चउसट्टि भंगा,
४७४-४७८ १. सब्वे कक्खडे सव्वे निद्धे देसे गरुए देसे
लहुए देसे सीए देसे उसिणे जाव सव्वे मउए सब्वे लुक्खे देसा गरुया देसा लहुया देसा सीया देसा उसिणा, एए चउसटुिं भंगा,
४७३. सर्व मृदु सर्व उष्ण जान, देशा गुरुया देशा लहुया मान ।
देशा निद्धा देशा लुक्खा चंग, दूजा पद नो चउसठमों भंग।
ए सर्व कर्कश सर्व शीत संघाते १६ भांगा। सर्व कर्कश सर्व उष्ण संघाते १६ भांगा। सर्व मदु सर्व शीत संघाते १६ भांगा। सर्व मृदु सर्व उष्ण संघाते १६ भांगा । इम द्विकसंयोगे दूजा पद ना ६४ भांगा कह्या एवं १२८ ।
तृतीय पद ना ६४ भांगा, तिणमें सर्व कर्कश सर्व निद्ध संघाते १६ भांगा
कह छ४७४. सर्व कर्कश सहु निद्ध जान, देश गुरु देश लघु मान ।
देश शीत देश उष्ण चंग, इक बहु वच करि सोलै भंग ॥
हिवं सर्व कर्कश सर्व लुक्ख संघाते १६ भांगा कहै छ४७५. सर्व कर्कश सहु लुक्ख जान, देश गुरु देश लघु मान ।
देश शीत देश उष्ण चंग, इक बहु वच करि सोलै भंग ।।
हि सर्व मृदु सर्व निद्ध संघाते १६ भांगा कहै छ४७६. सर्व मृदु सर्व निद्ध जान, देश गुरु देश लघु मान ।
देश शीत देश उष्ण चंग, इक बहु वच करि सोलै भंग ।।
हि सर्व मृदु सर्व लुक्ख संघाते १६ भांगा कहै छै४७७. सर्व मृदु सर्व लुक्ख जान, देश गुरु देश लघु मान ।
देश शीत देश उष्ण चंग, इक बहु वच करि सोलै भंग ।। ए सर्व मृदु सर्व लुक्ख संघाते १६ भांगां में सोलमों भांगो पाठ में कह्यो,
ते कहै छै-- ४१८. सर्व मृदु सर्व लुक्ख जान, देशा गुरुया देशा लहया मान ।
देशा शीता देशा उष्णा चंग, तीजा पद नो चउसठमों भंग ।।
सर्व कर्कश सर्व निद्ध संघाते १६ भांगा। सर्व कर्कश सर्व लुक्ख संघाते १६ भांगा। सर्व मृदु सर्व निद्ध संघाते १६ भांगा। सर्व मदु सर्व लुक्ख मंधाते १६ भांगा। इम द्विकसंयोगे तीजा पद नां ६४ भांगा कह्या, एवं १९२ इति तृतीय पद।
चउथा पद नां ६४ भांगा, तिणमें सर्व गुरु सर्व शीत संघाते १६ भांगा
कह छ
४७९-४८३. सव्वे गरुए सव्वे सीए देसे कक्खडे देसे मउए
देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं जाव सव्वे लहुए सब्वे उसिणे देसा कक्खडा देसा मउया देसा निता देसा लुक्खा, एए चउसट्टि भंगा,
०९. सर्व गुरु सर्व शीत जान, देश कर्कश देश मद् मान ।
देश निद्ध देश लुक्ख चंग, इक बहु वच करि सोले भंग ।।
हिवे सर्व गुरु सर्व उष्ण संघाते १६ भांगा कह छघ... सर्व गुरु सर्व उष्ण जान, देश कर्कश देश मद् मान ।
देश निद्ध देश लुक्ख चंग, इक बहु वच करि सोल भंग ।।
हिवं सर्व लघु सर्व शीत संघाते १६ भांगा कह छ४५१. सर्व लघु सर्व शीत जान, देश कर्कश देश मदु मान ।
देश निद्ध देश लुक्ख चंग, इक बहु वच करि सोले भंग ।।
हिव सर्व लघु सर्व उष्ण संघाते १६ भांगा कहै छै --- ४८२. सर्व लघु सर्व उष्ण जान, देश कर्कश देश मृदु मान ।
देश निद्ध देश लुक्ख चंग, इक बहु वच करि सोले भंग ॥ ३०४ भगवती जोड़
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