Book Title: Bhagavati Jod 05
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 354
________________ و हिवं कर्कश मृदु बहु वचन करी चउथी घउसठी, तिणमें गुरु लघु एक वचन करी ४ चउभंगी नों प्रथम-प्रथम भांगो कहै छै-- ४९-५२ दे.क. दे.म. दे.गु. दे.ल. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.लु. ५ १ १ १ १ १ سه १ १ له ७ १ १ १ १ १ الله ३ १ بسم الله Err الله سه مه م ده س مه ५२ ३ ३ १ १ ३ ३ १ १ । हिवै गुरु एक वचन लघु बहु वचन करी ४ चउभंगी नों प्रथम-प्रथम | भांगो कहै छ--- ५३-५६ दे.क. दे.मृ. दे.गु. दे.ल. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.ल. س مه ا الله س الله له سه س له हिवै गुरु बहु वचन लघु एक वचन करी ४ चउभंगी नों प्रथम-प्रथम भांगो कहै छ ए च्यार चोके करी प्रथम १६ भांगा कह्या । दे.क. दे.म. दे.गु. दे.ल. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.ल. हिवै गुरु एक वचन लघु बहु वचन संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा mmm दे.उ. दे.नि. दे.लु. الله مه ५९ ३ ३ ३ १ ३ १ १ १ दे.क. दे.म. दे.गु. दे.ल. दे.शी. हिवै गुरु लघु ए बिहु बहु वचन करी ४ चउभंगी नों प्रथम-प्रथम भांगो | १८ १ १ १ ३ १ कहै छ ६१-६४ दे.क. दे.म. दे.गु. दे.ल. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.लु. १ १ ३ سه سه مه س له سه م له مه مه مه سه الله الله الله م १ १ ३ १ ३ ३ ३ م १ १ له ३ १ १ १ م س ए बादर अनंतप्रदेशिक खंध में आठ फर्श पावै, तेहना २५६ भांगा। २४ १ तेहनी ६४ च उभंगी कही। हिवै आठ फर्श पावै तिण रा भांगा २५६ हुवै तिणमें कर्कश मृदु ए बिहुँ | २५ १ एक वचन करी प्रथम ६४ भांगा कहै छहिवं गुरु एक वचन लघु एक वचन संघाते ४ चउभंगी करि १६ / २७ भांगा कहै छै २८ १ दे.क. दे.म. दे.गु. दे.ल. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.लु. سه س له ه १ १ له ३ १ ३ ३ و الله م مه له مه س سه س سه س م. س ३३६ भगवती जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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