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एवं सर्व ३८४ भांगा छह फर्श नां छह चउसठी करिके कह्या ।
हिब सात फर्श नां ५१२ भांगा, तिणमें सहु कर्कश गुरु लघु
संघाते ६१ भांगा कहै छ ४९५. बादर अनंतप्रदेशिक मांय, यदि सप्त फर्श ए पाय।
तो सर्व कर्कश कहिवाय, देश गुरु देश लघु थाय ।। ४९६. देश शीत देश उष्ण जोय, देश निद्ध देश लुक्ख होय ।
ए प्रथम भंग कह्यो ताय, हिवै द्वितीय भंग कहिवाय ।। ४९७. दूजे भांगे कर्कश सहु देख, देश गुरु देश लघु पेख ।
देश शीत देश उष्ण सोय, देश निद्ध देशा लुक्खा होय ।।
४९५. जइ सत्तफासे ? १. सव्वे कक्खडे देसे गरुए देसे
लहुए ४९६. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे,
श० २०, उ०५, ढा० ४०२ ३१५
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