Book Title: Bhagavati Jod 05
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 342
________________ له الله الله ४१ स ४२ स ४३ स १ १ १ १ १ १ ३ १ १ الله ३ الله १ १ ३ १ xur الله الله 석 الله الله ८ स १ rrrrrrorror १ ३ ३ ० २८ ४५ स ३ १ ३ ३ १ १ ४६ स ३ १ ३ ३ १ ३ ४७ स ३ १ ३ ३ ३ १ ४८ स ३ १ ३ ३ ३ ३ हिवे सर्व मृदु गुरु लघु ए बिहुं बहु वचन संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा कहै छ--- 석 १० स १ १ १ womwww www com ३ 죄 And Wwunlun००० १२ स १ १ १ ३ १३ स १ 죄의 १ اسم १ الله س स.मू. देशा.गु. देशा.ल. दे.शी. ४९ स ३ ३ १ ५० स ३ ३ १ ५१ स ३ ३ १ ५२ स ३ ३ १ दे.उ. दे.नि. दे.लू. १ १ १ १ १ ३ १ ३ १ १ ३ ३ १५ स १६ स १ १ १ १ له سه १ ३ हिवे सर्व गुरु कर्कश एक वचन मृदु बहुवचन संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा कहै छ ५३ स ५४ स ५५ स ३ ३ ३ ३ ३ ३ ३ ३ ३ १ ३ १ س ३७ दे मृ. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.लु. ३ १ १ १ १ ___ स.गु. १७ स له दे.क. १ orrrrrrrrrrrrr الله به م الله ५७ स ५८ स ३ ३ ३ ३ १ १ १ ३ Www. www.www. ww الله 444 مه الله الله mum २० स १ الله १ مه الله الله سه له الله ه الله ه مه ل الله الله سه له ل ه د ६२ स ३ ३ २१ स २२ स २३ स २४ स ३ । سه لل १ الله १ ३ الله orm orm له الله هه له الله لسه الله الله ए सर्व मृदु संघाते ६४ भांगा का। हि सर्व गुरु संघाते ६४ भांगा कहै छ, तिणमें पहिला सर्व गुरु अनं कर्कश मृदु ए बिहुं एक वचन संघाते ४ चउभंगी करि १६ भांगा कहै छ २५ स २६ स १ १ १ १ الله १ ३ الله مه م مع 4444 الله الله مه २८ स १ الله له الله الله ३३ १ स.गु. दे.क. दे.मृ. दे.शी. दे.उ. दे.नि. दे.लु. و २९ स १ الله الله ३ १ rm orm our २ स १ १ १ १ १ ३ । الله الله له مه الله الله سه سه ४ स १ १ १ १ ३ ३ । ३२ स १ الله الله ३ لله ३२४ भगवती जोड़ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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