Book Title: Ashtakprakaranam
Author(s): Haribhadrasuri, Sagarmal Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 10
________________ [ vi ] प्रकरण पृष्ठ-संख्या 100-103 104-107 108-111 112-115 पञ्चविंश पुण्यानुबन्धिपुण्यप्रधानफलाष्टकम् षष्ठविंश तीर्थकृदानमहत्त्वसिद्ध्यष्टकम् । सप्तविंश तीर्थकृद्दाननिष्फलतापरिहाराष्टकम् अष्टविंश राज्यादिदानेऽपितीर्थकृतोदोषाभावप्रतिपादनाष्टकम् ऊनविंश सामायिकस्वरूपनिरूपणाष्टकम् केवलज्ञानाष्टकम् एकत्रिंश तीर्थकृद्देशनाष्टकम् द्वात्रिंश मोक्षाष्टकम् श्लोकानुक्रमणिका 116-119 त्रिंश 120-123 124-127 128-133 134-138 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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