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गमन हारन अनमत
श्रनुयो वदहमा
८०२२
धवना परूपलाए
नागाजी समुकिला का जे | मध्यको पाने
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महमा खेता लुपुच्ची च्चाई ॥
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वव्यहार नय नम ते
समु किता हि करश से किं ते लेगम
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वचाएं | जसमुतियो | चिलुवुची ि अवक्तव एए निमजे हडिड भागाका तिमज्ञ दिनानाला टनल अनुश्वन २६ क्षेत्रीका पूर्वी एनलीविसे न देना नातिम लालुपुच्ची । श्रक्ति एवंत हे वडि । तदेवनियī [नवरंग नालिया तव भागानु देवा ० मा स्थान के | से०प्रचको ते तु | मात्र काचेवरु तेरे बाबत्तापनी क पुला गोवरेसला तहेव समीया राय । किं तं श्रणुमे २ नव हिपन्नत्ते । तं । संत अषरुव ला गाथा होनेनमथ व्यहारभान मते क्षेत्राची प्रय जालवी 'T किं० नथी उत्तर निममा एव ૧ गाड़ा) किंभविन चिनी याचि एवं निविहोज से पता संपता नेता
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चलने व मासवड्रम प्रहार नयनम ते
उतरक संपतान ही
खेता नोसरखे झा नेगमवव हारनयम श्रीम लोकने के तले भा
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ऐगमचच हाराएँ [ श्रापुविद चार लोगस्सक २२
महारा] डुबी हबार किस खिझाई || संप्पतालो अनंतान थी
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श्रसंखे। मो ताई । एवं दोन्निवि
नाथपनी परुपा
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