Book Title: Anuyoga Dwar Sutra
Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal
Publisher: Ratlam

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Page 128
________________ परिपल हो । जावतएकैकवालाना संपाता सेकअथकोणतेमुत्मत्र से तेजेमधाम नायलनी धीचल्मोचम उनमा उपमेसेवितंसऊसधापलिजवमेसजहानामावलसियाजावएमगेवालेयामसंवेया बनकरितवालयबस्तुमातमुत्मश्लामावेतहमा जाया जावतमाकचाजस्वालेवामा सपातमोजामाबद्रतेन्तवालाथमा धे यधीवासोवरसे एकेको दावा कियात्तएसवालशिरगाहणावेधभामेका जावनवासस वाला धक अपहरि आवत जेतलेकाले मे०एम मिह श्वानहो तेसुक्ष्मअधोव ल्यापम पियामेगवालयावहायजावरएकालेगोपलेनिटिजवसेसमेन्मधापलिउवा मुममधीपल्पोप को इस कोकाकोहीक ते एकसुक्ष्म माह-मायरोपमनु पलिमाएर एएसिपला कोडाकोडीहवेधतगुलियातसमलदहिस्सएगस्सवेवपरिमा एपीए सुमधाचल्योधम । माम रोधमकपुरजोजन समनचापल्पोपमसागशेषमक एeहिसक्रमावलिउवमासागरोवमेहिंपिएरश्यतिरिरकजीणियमण निनारकतिमनुहावामानबाप्नवी निवारकी नगवैत)केतली स्विवियूकवागी जनसहजार यूवयों नितान होम व स्मदेवालयाध्यामाग्रति नरश्याएतकेचश्याहिपएणतागोजहन्नर 303 तक्री ३३ तेवीससा गोषम अजीमपपलवाना िस्वितिय विनमस्तजीवनी किसीकहातिमहा एकमए सवाससहस्साएकीमे तेत्तीसागरीवमा जहापन्नवणएहिएएसवतवया

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