Book Title: Anuyoga Dwar Sutra
Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal
Publisher: Ratlam
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नो नोरमात्मानं मनतरामन
परपकाम
नेबारपनि
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नामसपरंपराणमेपरसुतसाविमनसाविनिमतागमनामात्तामापरेप मेन्तेल्लोकोतर सन्ने एमासमाजानमालामथकोणते उपनीसामानस्वरुपमात्रनुयाहिकत्तेद
दिनावतकनी-क्षयोपसमाहिक बनकहिएतापजेप्रमाणजेदंत्रनगुण मालीगतरितंगणमेसेनालापमा सेकित्तसएगाप्पमाणे प्रमाणचारिफयो से देखा वसुमिप्रमाणाचदिवानवालावधीस्वनि केवलहनियमाचक्षुशियाव प्रकार
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वळतपरमनिपजसअवधीनतेरसनप्रवधीहरसनतन्त्र मारहाचेकुदसण धामसवरणीमान्तयोवसमजावनेसवरुवाहपविबे वित्तमाविबेषवायी परिक्षानिमित्तेकैवलदेव बावधनसमलववेतनहोसमतदबायोगकैवलदानावरएनातययकीउतपन्नकवलदन इसएहिसिस ।। सबरुविद सनएसवयद्यवसाकवलदसए! नोकरीता केवलति नेसवपयलिने
विपनि राणप्रमाअथकोणत्व लधीवक्तजीवनेसर्वा बेक
करतेचारित्रामघारित्र पारूपाद्रपने चिये केवलदेसीस सबदबपअवेहि। सेतसपना ऐसेकिंतचरितगणपमाणे

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