Book Title: Anuyoga Dwar Sutra
Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal
Publisher: Ratlam

View full book text
Previous | Next

Page 162
________________ नाशिकपहायणायाचोवोलाइमलीहासादिकरनयभमते पायानामधीकारनोजाणतेहनेपालीकेहिएजेनणी यायोक्तएकप्रकारे वातावोलमिजेएनयमावर्षसमाप्रथनानावनाप्रधानपाइने नेउपयोगेनावयाथीमानश्काथवा पायापाथाकवा नेविजेउप जणिविनेविधेपाथोवालवानोवमहारेरामले योगने चमवतीपाथानीकरना बजेहयायाथोलिपंजइतेह नेविले विलसदनया पाहिशारजाशनुपजस्सवाघमलाप उपयोगतहिपाथी कहिलेए पा०1303 किको चमत्तिनेत्रछातकीने सन्तजे नामसजाव/ कोएकहरूषाक० माधानोहा तकरी बतायथाथी चानवोल मानेविबेको कपाटलीयूरा faफसतंपाहिलासेकिंतवससिदिला जहानामएकतरिसकिंव स्किनेविवसतीकतेवोलतवायरलविसुधनगमनयनामनवम तिवारवलीनेामनयनमामी ककिहावसानोअन्साजणेप्रन्सतरहीएलोकनेविनयवोल्योलोत्रिण वांयाकहिजेवेवसनिअछिछोरोगमीन लोश्वसामिलोएतिaation पप्पोतेषाफे त्रिलोलोकर हलोक पानिविषवसरवानिवारवलीविधतरनेशम अलोहोर तिरियलीए उदलोरा एयसबेसनचवससिाविसुतराजणे मतन्नमन्माउन रदेशल त्रिमलोकनेविष वमुन बलिविसुधतरनगन JSTHAबालानावृष जेट्टीपाहि संयनरमणप्रासंध्याता नयेत गमोजण तिरियलीएवसानिनिरियलोए जवान्यासयनुरमणपधवसाप द्वीपसमुहले तसर्वनेविश्वस बलीयाळलाथी अतिविधगममतनु जतापनेवि अनुसाहीप्रन्मूतरदेश वेवातावसमुदा तसिसच्चेसुनवेवमसि विश्वधतराजगमोन जैसूर अवसुल निवालिलिमलनारावालाबनवतानवरदेवका उहपश्चिमविदेह नवलपररवत हस्चिासपरमावासह तरक्कविहे 2जीयनेविषेरसोन पप्पा वसामाजिरहावेहसवितानिरहेश्वएजावविदेहेए । एसुसच्चेसन

Loading...

Page Navigation
1 ... 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200