Book Title: Anuyoga Dwar Sutra
Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal
Publisher: Ratlam
View full book text
________________
जप्रकामौताकडियनवेलीया चहानावधजेठदारकमाएतलाक्षेत्रनेविभाजिकहिय वनेकालतेहमने |रलकीप्रसवलुपहरिण्हवत्तलोकीले ते कह गुलपवयनसन्तुलप्रतष्पातमोजा संध्यानाउसपिजीएकनीमथाको
रूपक्षेत्रमुअवकास
तरुव सदिवमलादावदियाऐगलियसबीरहिवरेलाहिंषयमवस असंवेद्या
प्रतिनाशकहितात्रसतहकरिए करीतननुएकालनसर्मपाताप्राक नसल्परताउसाप्पल नमकयुएकत्यसगावलीमानसंख्यातनामुक्रमेयवहरिएलयात्रा
बाकसघनमा सपिलिहिउसपिणिहाकालखतउगलपयरममावलियाए मिसरवाश्नाजप तथाश्मजवली प्रत्तरनाएकर-गुलनाप्रसंध्याताभागनीजाजीक संक्तिरनीरजेनलीपरमारथथा। जुजुयामनुक्रमवेद्रानासीपस्बावी नाकताअसंख्यातीमत्सर्वगीएकाजक्तनलीभुकेल उसकसभरनाचा लिभाजण मक्केलयाजावहिपाशनियमत्रीमानहानाहियद्याविवियाहारयसी विनापियवाएतलगने कसनारचधेलकवहीनथीभुज्युकेलम जिमउहाकउदारीकसनीरतिमनवाजलि तजालवावक्रीयत्राहमचेहीमतिमहीनेर विधेलधामुकल्लयामहहियामालियत्तहानाणियबाजहादियाएंगेतहाई उरिहानेपाना०कहिवा
पचित्रीने तिचजोनियानेपण (उदाकसी मज दियचरिदिया किनाणियब ।।पविदियतिरिरकजोणियाविउरालियसरीराएवे वहीनीचरिणा०पंचद्रीना तिचजीनियाने हिनता तलावक्रिय-सीर कप्पाळा!
वा चक्माणियपविदियतिरिस्कजोगियानंते ॥केवश्यावेवियसरापलता होम | वेप्रकार पका वधेलकमुकलकर नहाते बलकवेक्रिय अमर पुगmosविहा पं00वलयाएमुकलयाए||नएंजेवधलयात आव |
त

Page Navigation
1 ... 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200