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किर्तिर तितरम जावत जरी संग्रह लीगाथान क्षेत्र नीता मृगसि श्राध नक्षत्र मे जायो नलिनु एद्र हा लवी कि० कृतिका रोहिती
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नरपि संगमाह । कितिएरोहिणीमिसिर (दाय पुर्णवसु पुस्सेय ततोय असिलेसा मधा पुरवा कालमुनीहि १०स्त ११ स्वाति १३ विसावा१७ तिज अनुराधा जेल १७ व मधातो टीका गुणीज्य चित्ता ॥ सादिविहाय हो। अणुरा हजे हा मुला मुद्दा सा तिम तरा बारा विल२१ [ धनिका २२ सप्ततिया २३ वाह रेवती २६ मत्व राजपद२४ २५ दास उत्तरा ॥ निरसवल लिहा सत्त जिस या हो यहो तिनह्वथा नीख रेवास्सिलि भरली २० ए० एन-क्षत्रनीचरिवानी श्रेणी से०ए [ते० ते नक्षत्र नाना मला क्षेत्र नाते अथको पते वा वीस जालवी नक्षत्रने विषे जघन ने नाम नाम से ० नक्षत्रनामधीधाना नरणी एसानखति पडिवाडी सेतन खत्त माझे सेकिंत ॥ अग्नि टिकवता तेह नेवि पोते निवृत २ निसेन निरक्षित रहा वनेनामे नाम देवयानामे ि नेमा मे नामग्नीदेवता प्रग्निधर्म नियाहि देवानामजा लवाजावत महामही
गोथाजालवीकृतिकाना श्रदृष्टदेव
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किष्कृतिका हितिकादास हिका सेन
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आदित ब्ररुस्प सर्प चित्राहाम १० सविता इन्द्राग्नी १४ मित्र १५ ट्रेन ( तो ११४१२ वायु 93 रित्ती विसइ सप्पिं पिभात मतवित्तात हा वाय दगिंमित्ता | इंदेनार तीला उ
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