Book Title: Anuyoga Dwar Sutra
Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal
Publisher: Ratlam

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Page 110
________________ च०-व्यागाराउनु णे जेजनथाएकरप्रजेोजन (rotण यात्मालप्रमाणेकर जयश्चनारिया जाएयलप्पमाणेश्यज्य एयलंगुलपमाए मात्रात्मापरलेकरीतकालनापक सामानवतयकप्रथवाचवा नामा०माधवालसादिकनेविबरततअटविसहतोकामनवगएक स्त्रीहरूबरमतेन्मारामजाल्पाला जपत अक्षयोसिं.नवन्ध जेजयामासाभवति।सियाणानारामधाएं कन्नरचे कलावणवण्सडतकानि उत्तमकरानीपंक्तितवनमत्या अक्रबातला थवा पुषरकमल फरताउताराएहवीवाकिमलपल्पी कासवनाप्रटननी चीखुलीवाचिवाटलीचावासालाबावावीतलावसोवरना वतिनेन्माना बताउगडत्तालागदहनश्वाचि॥ नारवरशीbfEायजालियासरासरपति शिकिदवकलराजसा मतगनापगलासरतातमाश्रुधोसाकमिउपरिविनिमतपरिमाशिप्रकाश जात्रभुबवक उरलालधाउपविसमा ।काप्रकारउपनिबसवानिजामगातटालकचन्धनकोटिचिचिय देवकलना॥ पवाकनरवाश्याफरिता पगार रालयचरिथदारगीररया हाथ प्रमाण रथनामाभिरियाहाअंतरिकनावारजोकीदिनीपोलिग्रामारतवतानानथा एकदाप्तिलेथावनाधर राजानाधरवाजचधला से सिघीकानेमाकारधिनमानिोमिलवीथापना वि.00 Hथचीकथापनाधत्तापंथ पासायसंघाडातीाउछन्चरचमुहमहपहपहपह" स डगरहोजाबाजप्रति नामिलवाचनंचसुबते मोटुदेदक जापारिकातरवारसंप्रार्मिक संग्रामिकाचरिको क्रियाकारेसहस्त्र मोटारजमानिनेरानाहनातेवथगा नहाया प्रमाण वालियानावेदको-सरसन्न(जाममनोहोएएसनाविस संदमापीयाघसरणलेजमावा-सालयनाटिसपलामी०शेविकाऊटनाकारेसंद नातेववसनीकानयकामटियाटिकनावसं नानाधाममें० नानीनेसाप्रमालाविजपाने विवेधसामानमाटाधाजनकप्तानुजाजनप्रमुबइत्पादिकनामअनेकत्र लामयबरपर्वतमाहिकवाघरवहिनीanारकडलगमात्र कारकप्रय नामलाकारवानीलोहमयलोहनीलोन्लो नतीजायणेकारणमासन वो लोहिलाहकाह। जोटारिक सहयनेमाकामिन लालिमासलारथवेमंकारासहपनमा

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