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स्वास ने उतावलो मा ए ३ काक स्वरपातलो स्वर बीना २३ हवेप्रा समता रहता नासिका ते कधी स्वर गुलकह स्वर कल्मा गा
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चर्तितदेवविव
ती चकम लो मुले एवं (काकसूरमा (संह सातिगेयम (२३ पुरतंच ततिमन विकचनी वरे स्वरन हो हिनातान सम०सु० सुरघोस ललिएमा मुलॐ जीतना तंत्राची घोव से समासे मत्त कोकिला स्व मानीवनी ली लॉस ही तस तथापीत नागलवे लहो सरी लोमकर तालसरी बातानवंस • मकरसमं सुतलिय प्रगुणातिगीयस २४ उकंड रुविसु केली मजे से सिरवी स्वरथोल ना करते रजीगत स्वर मने मुषवाजमथा विमुध र सिरने विषेप कमल स्वरगाइते विजय च पटुवध रहना गाए नेपटबंध ना-हा पद प्राकृप समतालते हूस्तथी उप पस समा सिरपस च गिद्य-मरियपय बड़े समतालपचुखे घ आधर संघात हनी ताल क्षेपक हिय० सा स्वते सी०क्षरादि के समान हाने स्वस्व स " जीतक ही य तालसमंलयनह सच निस्स सिजसं लेहमम हस्तसाल प नि०नि सामान्य श्रमिगा तैनिस्वासावसम की६६ तास ३ग कटादिकलता समली वही वास लीने जातीने विषेस संवारने से संचारसमे9 स्वरसात २६ सिस संचारस में सरसता (२६) निरास सारवतच देवमलकिय वासोव इलियर का रातस्य एतना जालवा ३२ सुत्रनाहो म रहततेनि । इतीत निष्टुप्रवित्र समाधनो टोखर६ निमिअर्थवेत ते सारवंत गीत उस हत्तगत उमार बोलल हा रत्ते सोपचारगीतमय एम कनोव यमेव ॥ मियं मुरमे वय २७ य ने गर्मादिकनय समंध समचे /मविशञ्चितिन्ति मीठो गीत होगा तर हवेत कबड् सच्या उदसतो हो जेबने विष जेन दसम प्रथमतीने चीनची समान समयनिश्चयाने विषेय-क्षर से व्यावषम होइ विषम व टेक दिए जेए व्रत लेनी कान्सोथो कार दोन लाने हवे नावे कहि सकभाषा प्राकृतभाषा
अत सरसीन सात स्वरमा नाम कही ये हवा सानासिक समाते र १ मा रोवर हो
कार
विप्यारा
नोवल ॥ मया पायायाचे वनणि इउहोति दो न्निविस पते लय मम० नामलितात थानावर ते ग्रहसमकहीए च