Book Title: Anuyoga Dwar Sutra
Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal
Publisher: Ratlam

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Page 59
________________ IHAR नेम्बामावसही कहीकड़िवानी निवेधीपाटनस्तारमकामतेलाकहीरा लामाहारयलिला कलयउसनकायकायातालाanaमोककालबलिकाकनेक्ट पता गुरुतनिधयोस्तोककालबलिहठकाकवतेपठि साकनमात्रीनेता कार्य नेविप्रेरियाचेससहिक १०णा असनादिकबाजाहधनिषारुवाहकेजीमन्नतेला चहत्तानमन्त्रलाय मनुयो नसिरियामापुबलाएपडितबा रणाय निमंत जणवामेऊनहाराबुरमरलतेन्या समाधी सप्रकारे ००० संषसेदा०मापापणाकालनबसेरनेविन तेलतवानुनर्विाय कोणतेपश्चातु बे" ब णा |ववसंपयायकाले ॥ ममायानवेसविहाउ।। सेतेलबासेकिंतपबारे अथवा अनेरागबाकीज्यमकरी जावतश्बाकहीaaश्नान प्रथकोणते १० एनिश्चएकमावि नेजाताटिकमाएततेउवसमय १०९०ते पश्चानुवानानुचाएककधारतासानाग जवस पयाजीवजातंगासेकितणावीण्याएञ्चेवएगाश्यारगुत समुहने पाहतएमाधापा०पासकरिएगुणिए वेरुवाकी नसते तीक्षिण एहनेमाहोमादि तरियाए। दसगबग्याएसेटिए अनमन्नभासोरुरुतणी सेनालपुची सतं अमानुपुर्विते ततेसामा अकोला जावानुहर्षि विषप्रकारेपपी तदेवा पुपनि पश्चानुयुनि चाशनीमा नुवर बधि सामायारीमाएपबासकितनावापुश्वानाaविहा५०० पूवांपखाना बनानुल सेकअथेकाहनामुमक्रिउपसन्नीकभाव२बार सावधरितामिशिनिपातिकमा ५६० ते विलास कभावकनावउपसमाकाकनावपछवानमा सकिंतपुछाउएउवसमिगारवर ववसनिए पारिवामिएसन्निवा सेत्तेपुवाणु प्रथ कोते पश्चानुनवि। सनिवालिकनावजावत मेनपश्चासुद्धमयकीएत्तिमनानुवि उदश्कोववि घुछी सेकिंतीपबाणुपुची सनिवाएजावSEUसतंचबाणु मेकितअला।

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