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जून - २०१७
ज्यां सीर सोहे राखडी सिर गुंथ्यो रे गुंथ्यो अति चंग के वेणी भुजंगम सांमली विच करतो रे तिहां राज अनंग के... - मुनिवर मोह्यो माननी.... टीको नीको निलवटे मुख सोहे रे पुनमनो चंद के दंत जीसा दाडिमकुली जिहां सोहे रे अमृतनो कंद के
मुनिवर मोयो माननी... आंख कमलनी पांखडी गलि सोहे रे एकावली हार के नाके नकवेसर भण्यो कुंच सोहे रे श्रीफल अनुकार के
मुनिवर मोयो माननी... बांहे सोहे बहिरखा कर सोहे रे सोवननी चुड के कांने कुंडल कनकमे ईण वाते रे मत जांणो कुड के
मुनिवर मोह्यो माननी... कटमेखल सोहणी तटे कट चरणां रे पहर्या अति चंग के, पाये घुघर घमघमे मुलकंती रे करे नव नव रंग के मुनिवर मोह्यो माननी...
६ नयण वयण नारी तणा हिवे छुटा रे करवाने चोट के मुनिवर मृगतन भेदीयो अति दीधी रे नयणांकी दोटर के मुनिवर मोह्यो माननी...
७ नयण वयण सर सारिखा अति नांख्या रे तिहां भर भर मुंठ के भेदालक तन भेदीयो जाई लागो रे ते न रुके उठ के मुनिवर मोह्यो माननी...
८ भुवनसुंदरी जयसुंदरी समझावे रे तीजी ढाल के मांन कहे समज्या२२ सहु धन्यासी रे रागे सुविशाल के
मुनिवर मोह्यो माननी...
१९. निलाड - ललाट । २०. सोणी - चो. । २१. चोट - चो. । २२. सझ्या - चो. ।