Book Title: Anusandhan 2017 07 SrNo 72
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 141
________________ १३४ अनुसन्धान-७२ अभिलेखविद्याना तथा पुरातन सिक्काओना क्षेत्रे रह्यं छे. भागवतपुराणनी समीक्षित वाचना तैयार करवामां पण तेमनो मोटो फाळो छे. विविध जैन ग्रन्थो पर तेमज गुजरातना इतिहास-ग्रन्थो पर पण तेमणे घणुं काम कर्यु छे. ता. २६-३-१७ना सवारे विश्वकोश ट्रस्ट - भवनमां, आ. श्रीविजयशीलचन्द्रसूरिजीनी उपस्थितिमां, डॉ. कुमारपाळ देसाईनी अध्यक्षतामां योजायेल एक समृद्ध समारम्भमां श्रीभारतीबेनने श्रीपुण्यविजयजी चन्द्रक अर्पण थयो हतो. चन्द्रक उपरांत सरस्वती-प्रतिमा, प्रशस्तिपत्र, शोल, श्रीफल, हार, तिलक अने ५१/- हजारनी धनराशि पण अर्पण थयां. आ प्रसंगे डॉ. थोमस परमार, डॉ. देसाई व.नां सुन्दर प्रवचनो थयां. डॉ. शेलते पण पोतानो प्रतिभाव सरस रीते व्यक्त कर्यो. कवि जसुभाईसंचालन रसमय रह्यु.

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