Book Title: Anusandhan 2017 07 SrNo 72
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 137
________________ १३० अनुसन्धान-७२ Dr. Dhaky had great love for languages also; he could read and write Sanskrit, Prakrit, Pali, Magadhi, Ardhamagadhi, Apabhransha, English, French, Hindi, Marathi and Gujarati languages. This helped him deciphering inscriptions. - Dr. Renuka Porwal ...तेओ एक एवं प्रतिभाबीज हता के ए जे जमीन पर पड़े त्यां ऊगी नीकळे अने म्होरी ऊठे. ...विद्याउपासना छेल्ले सुधी चालु रही... हसता हसतां कहेता के मारी दशा तो स्टीफन होकिन्स जेवी छे. आ शरीर पर सोळ सोळ ओपरेशन थयां छे पण हजी मगज पूरेपूरुं साबूत छे.. - डॉ. कुमारपाळ देसाई पोताना विषयमां अने प्रतिपादनमा स्पष्ट अने दृढ. तेना समर्थनमां तर्को, युक्तिओ तो आपे ज, साथे प्रमाणो पण आपे. प्रमाणो पण, बाप रे, क्यां क्यांना टांके! आगम, त्रिपिटक, वेद, अभिलेख, पुरातात्त्विक अवशेषो, शब्दप्रयोगो अने विविध विद्वानोना अभिमतो अने अर्थघटनो! बधुं ज हैयावगुं होय अने बहु ज कुशलताथी आ बधांय प्रमाणो के साक्ष्योनी एक जाळ रचता जाय... - आ. शीलचन्द्रसूरि नानालाल कहे छे ते सो वसा आमने लागू पडे : 'पुण्यात्मानां ऊंडाणो तो आभथी ये अगाध छे.' कलाना मर्मज्ञ - चित्र, शिल्प ने संगीतना तो खास. आपणी संस्कृतिनी अनेकदेशीय बाजुओनी अनेकपक्षी दृष्टि एटले ढांकीसाहेब - संस्कृतिसौरभनु मानवरूप! - कनुभाई जानी मूल्यह्रासनी तेमने भारे चिन्ता हती. ए रीते जोइए तो तेओ प्रशिष्ट परम्पराना आग्रही हता. अने ए आग्रह एकेएक क्षेत्रमा तेओ राखता हता. - शिरीष पंचाल एमनुं जैन इतिहास अने साहित्यमा प्रदान खूब महत्त्वनुं छे. जैन साहित्य अने धर्म प्रत्येनो एमनो अभिगम अरूढ अने एक सत्यवक्तानो छे. तेओ परम्पराप्राप्त माहिती स्वीकारे खरा पण एने चारेबाजुथी चकास्या बाद. - हेमन्त दवे

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