Book Title: Anusandhan 2017 07 SrNo 72
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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अनुसन्धान-७२
कंता क्रोध न कीजीये अबला भाखे आंम कीडीसुध्६ कटकी कीसी थे अम आतमराम ३ ४७पलो झालि ऊभी रही जाय सखी भरतार
ओ लाखीणो लाडलो कब मेले करतार४८ ४ प्रीत करी परणी हुंती अब किम दीजे छोड ४९कतवारीका सूत जिम जिहां तूटे तिहां जोड... ४
ढाल - ६
(नथ गई रे मेरी नथ गई... ए देशी) प्रीत लगी रे तोसुं प्रीत लगी, प्रीत लगी रे केसरीया कंत कहें मृगनयणी सुंणि गुणवंत, तोसुं प्रीत लगी... प्रीतकी रीत न जाणे कोय जो जांणे जांकुं वीती' होय... तोसुं अकरसुं पीउ आंगण ५१आव लालन मोरो विरह गमाव... तोसुं तुं मुज प्रीतम प्रांण आधार तुज विण सूंनो सयल संसार... तोसुं २ तु पिहर तुं सासर जांण तुं परमेसर तुं रहमांण... तोसुं वलतो कहे आषाढ मुनीस मो मन केरी पुरि जगीस... तोसुं ३ मे निज गुरकुं दीधी पुठ कहत कहावत आयो उठ... तोसुं अब हुं लेसुं संजम भार मे नीज गुरकी लोपी हे कार... तोसुं ४ हुं अपराधी कठन कठोर विमुख थयो गुरजीको चोर... तोसुं में कीधी चारित्रनी हांण नवि कीधी५२ निज गुरकी कांण... तोसुं ५ गुर दीवो गुर प्रतिख देव हिवे जाय करसुंगुरकी सेव... तोसुं कोप तजो नणदीरा वीर कांमणसूं कांई तोडो हीर५३... तोसुं ६ कहो रे अमने कोण आधार थे तो मुको छो निराधार... तोसुं मुनीवर जंपे सुंण हे नार सात दिवस रहसुं घरबार... तोसुं ७ मेलव यु तुझ धननी कोडि पछे नमेसुं गुर बे कर जोडि... तोसुं।
छठी ढाले अर्थ सुचंग, मानसागर प्रमदा पीउ संग... तोसुं८ ४६. कीडी उपर कटक । ४७. पालव । ४८. कब मील सी कीरतार - चो. । ४९. कतवारीरा तार ज्यु - चो. । ५०. कुलवंती होइ - चो. । ५१. अकवार प्रीयु अम घर आव - चो. ५२. राखी - चो. । ५३. सीर - चो. ।

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