Book Title: Anusandhan 2004 03 SrNo 27
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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March-2004
49
वींणी वसमसि ईर्यासुमति
१०१
च्यत कुंमर निरंद
१०३
नुबति
नीकी
वेणी झळके(?), (आपे?) ईर्यासमिति, जैन मुनिनी जीवदयापूर्वक ज चालवानी क्रिया चित्त नरेन्द्र कुमारपाल नोबत उत्तम उपाश्रयमां-जैन साधुनो आवास, तेमां. मर्यादा बख्तर फाळ-कूदको-छलांग योद्धा डाले-नाखे - (हिन्दीमां मशक्कत?)
१०५
१०९
११२
उपासरइ मयदा पाखर फाली झूझार
११३
११७
डारइ
१२०
१२१
१२२
१२३
मसकति मुंसा की दाइ उतकट दहवट्ट जगत्र सेती दूसमनसमय माम हाकाविका वरशालई श्रावी समुसइ चउथउ आरो
उत्कट-थनगनता दशे दिशामां जगत साथे दुश्मन सामे ममत्व-इज्जत आकुल-विकल चोमासामां-वरसाद वखते श्राविका
१२५
१२७
१३१ १३६
चोथो आरो (काळविशेषतुं नाम)
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