Book Title: Anusandhan 2004 03 SrNo 27
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 104
________________ कर्ता. सम्पादक Jain Education International अनु.नं. | पृष्ठ March-2004 पं. मुनिचन्द्र | डो. रसीला कडीआ । २३ । ६०-६२ | कृति. कोठारी पोलना चिन्तामणि पार्श्वनाथ- स्तवन ग. ग्रन्थावलोकन : इतिहासना अज्ञात प्रदेशमा स्वैरविहार “निर्ग्रन्थ ऐतिहासिक लेख समुच्चय" गौतम स्वामी- स्तवन गौतम-सुधर्म गणधर भास च. चतुर्विंशति जिनस्तवनम् चतुर्हारावली चित्रस्तव (सवृत्तिक) मुनि भुवनचन्द्र For Private & Personal Use Only . १९ मुनि जिनसेनविजय मुनि जिनसेनविजय ५६-६१ १३२ १३३-१३४ । २५ ५३-५८ भुवनहिताचार्य विनयसागर आगमिक श्रीजयतिलकसूरि । विजयशीलचन्द्रसूरि । २० १-२९ चार जिनस्तुतिओ: श्री आदिनाथ स्तुति (कुटुम्बनाम गर्भिता.) www.jainelibrary.org पं. भक्तिसागरगणि | | मुनि धुरन्धरविजय १८-२० 97

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