Book Title: Anusandhan 2004 03 SrNo 27
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 103
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org कृति. क. कम्म बत्तीसी कर्म प्रकृति-संक्षेप विवरणम् (अपूर्ण) महो. श्री यशोविजय क्रियावादी आदी ३६३ पाखण्डी स्वरूप स्तोत्र क्रियावादि-आदि ३६३ पाखण्डी स्वरूप स्तोत्र अवचूरि सहित कुमारसम्भवादि महाकाव्यचतुष्करीत्या स्तोत्रचतुष्टयी कृष्ण-बलभद्र गीत केटलाक प्रकीर्ण लघु रचनाओ अमृतधुन तीर्थंकर स्तवन मेवाड को कवित सुप्रभातं स्तवन कर्ता. अज्ञात रविसागरगणि अज्ञात अज्ञात कविजिनेन्द्र अज्ञात सम्पादक अनु.नं. पृष्ठ २१ 'मुनिकल्याणकीर्तिविजय विजयशीलचन्द्रसूरि २२ मुनिकल्याणकीर्तिविजय २१ मुनिकल्याणकीर्तिविजय २२ विजयशीलचन्द्रसूरि रसीला कडीआ विजयशीलचन्द्रसूरि विजयशीलचन्द्रसूरि विजयशीलचन्द्रसूरि विजयशीलचन्द्रसूरि २३ २४ २० २० २० २० ३५-३८ ४-६ ३३-३४ २७-३१ ३०-४६ ९८ - १०२ ९८-९९ ९६-९७ ९९ - १०२ ९७-९८ 96 अनुसंधान - २७

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