Book Title: Anusandhan 2004 03 SrNo 27
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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कर्ता.
अनु.नं.
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सम्पादक विजयशीलचन्द्रसूरि विजयशीलचन्द्रसूरि
पृष्ठ १०६
२५
March-2004
हेमाचार्य
६२
कृति. जैन धर्म विशे भ्रान्त धारणाओ ज्ञानसार ते धन्ना. स्तोत्र विषे 'पतियाला'ना राजमहेलमां जैन भीत चित्र भगवान महावीरना आहार संबन्धी भ्रमणा युग भिन्नः कर्ता भिन्नः कल्पना तुल्यः
बे रसप्रद उदाहरणो एक पाठनी समस्या
विजयशीलचन्द्रसूरि विजयशीलचन्द्रसूरि
१०६-१० १३५-१३६
विजयशीलचन्द्रसूरि विजयशीलचन्द्रसूरि
१०६-१०८ १०९-११०
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त्रिलोकस्थितजिनगृहस्तव
| ऋषि विद्यावर्धन | मुनि कल्याणकीर्तिविजय
४१-४४
न
नवां प्रकाशनो (माहिती) नवां प्रकाशनो (माहिती) नवां प्रकाशनो (माहिती) नवां प्रकाशनो (माहिती) नवां प्रकाशनो (माहिती)
६६-६८
८८-९१ १२०-१२२
१०९ १३१-१३३
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