Book Title: Anusandhan 2004 03 SrNo 27
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
View full book text
________________
कृति.
कर्ता.
Jain Education International
पत्र.
अनु.नं.
स्तवन
संपादक पं. केसर रसीला कडीआ
हीर सागर | मुनि जिनसेनविजय वाचक मुक्ति सौभाग्य डॉ. अभय दोशी
९६-९८ ११३-१३१ ७८-९६
March-2004
स्तवन चोविशी स्तवन चोवीसी
गणि
विजयशीलचन्द्रसूरि
६९-७१ ११५
For Private & Personal Use Only
विजयशीलचन्द्रसूरि
११९
स्त्रीतीर्थंकर मल्लिनाथनी प्रतिमाओ स्मृतिशेष श्री भंवरलाल नाहटा स्वाध्याय मेरुतुङ्गसूरिना 'प्रबन्धचिन्तामणि'मां
केटलीक ध्यानपात्र बाबतो राजशेखरसूरि कृत प्रबन्धकोश गत केटलीक नोंधपात्र बाबतो ललितविस्तरा हरिभद्राचार्यरचित स्वोपज्ञ वृत्तियुत पञ्चवस्तुक प्रकरणमाथी पसार थतां
जडेलु
विजयशीलचन्द्रसूरि विजयशीलचन्द्रसूरि
५३-५५ ५३-५५
www.jainelibrary.org
विजयशीलचन्द्रसूरि
२५
१०३-१०५
105

Page Navigation
1 ... 110 111 112 113 114