Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 382
________________ द्वितीयं परिशिष्टम् अंगविज्जाए सद्दकोसो । coom पत्र १३९ भाण्ड १९३ पितामह २१९ आर्य १३४-१८७ देवता २२३ देवता २२४ आर्यिका ६८ वृक्ष ६३ अध्यात्मवृत्त ७ गोत्र १५० क्रिया. १४८ २०२ अग्घायते अकुञ्चित ? १४८ अग्घाहिति १७८ अघोसा आभू. ६०-६५ अचपला भोज्य १८२ अचला आभू. ७१ अचलाय अक्षाम ४३ अचवलाई किया. १५४ अचवले ९२ १२८ शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द अग्गिवेस्स गोत्र १५० अज्जजोणि अइराणी देवता ६९-२०५-२२३ अग्गिहोत्त १०१-२२२ अज्जणी अइरिका देवता ६९ अग्गेय १२३ अज्जय अकरपट्टक ११६ अग्गेयया १२८ अज्जव अकंत अप्रिय १२० अग्घप्पमाणं [पडलं] २५३ अज्जा अकिट्ठामास आजिघ्रति ८३ अज्जाधिउत्थं अकोडित आघ्रास्यति ८४ अज्जिया अकोसीधण्ण १५३ अज्जुण ५९ अज्झप्पवित्त अक्खक अक्खपूप देवता ६९ अज्झायी अचलायाम् अक्खमालिका अज्झेणणासित ? १८ अज्झोआताणि अक्खाम अट्टालय १२५ अक्खारित ? अट्टियगत अचिरोत्थित २४९ अचिरुट्ठित अक्षिकूट ७२-१२३ अक्खिकूड अट्ठकालिका अत्यर्थकार २३९ अक्खिगुलिका अक्षिगुलिका-कनीनिका ६६ अच्चत्थकार अट्ठक्खाणंसि अच्चत्थहसित अक्खिगूधक अक्षिगूथ १७८-२०३ अत्यर्थहसित ३५ अट्ठखुत्तो अच्चल्लीण अत्यालीन ८७ अक्खिवत्तिणी अक्षिपत्रिका ६६ अट्ठपद अच्चा ____ अर्चा १४७ अक्खीणमहाणस अक्षीणमहानसलब्धि अट्ठमय अच्चाइक अत्यायिक ३७ अक्खुज्जंत ? २० अट्ठमसाधणी अच्चाइत अत्यायित ४१ अक्खोडित आस्फोटित २५ अट्ठमंगलक अच्छणक आसनक १३६ अक्खोडिय आस्फोटित १८१ अट्ठमंडल अच्छदंत पर्वत ७८ अक्खोल फल ६४-७१ अट्ठविधि अच्छभल्ल चतुष्पद ६२ अखई अक्षयिका १८ अट्ठाहिक अच्छाइत आच्छादित १३०-१७० अट्रिक अखुयाचार वस्त्र २२१ अट्टिकमय अगणिक्काइयाणि अच्छादण आच्छादन १९० अट्टिभिजा अगतिसंपन्न अच्छायित आच्छादित १६८ अट्ठिसेणा अगल्ल आकल्य १४३ अज सर्पजाति ६३ अडिल अगोलिक गुडवर्जित भोज्य १८२ अजिणगकंचुक चर्मवस्त्र २३० अड्डोदित अगोलीय गुडजित भोज्य १८२ अजिणपट्ट चर्मवस्त्र २२१-२३० अणण्णमणताय अग्गि अजिणप्पवेणी प्रापिाज वस्त्र २२१ अणप्पभूय अग्गिइंदग्गि देवता २०५ अजिणविलाल पशु २२७ अणभियित अग्गिउपजीवि कर्माजीविन् १६० अजीण अजिन २३० अणभिवुत्त अग्गिगिह अग्निगृह १३६ अजीणकंबल २३० अणसूयक अग्गिघर अग्निगृह ४१ अजीणप्पवेणिका प्राणिज वस्त्र २३० अणह अग्गिमारुय देवता २०४ अजोगवहा अयोगवाहाः १५३ अणंगण अग्गिरस गोत्र १५० अज्ज आर्य १३१-१४९ अणंत १३७-२१४ अट्टिकागत २१६ सुरा २२१ अर्थाख्याने १० अष्टकृत्वः १८४ अर्थपद ६ आभू. १६२ अष्टमसाधनी कण्ठआभू. ६५-१६३ ११६ अक्षुद्राचार ४ अच्छाद अर्थविधि ७८ अष्टाहिक १२७ अस्थिक(?) १५ भाण्ड २१५-२२१ अस्थिमज्जा १०५ गोत्र १५० चतुष्पद ६९ अर्डोदित १४७ अनन्यमनस्तया ५७ अनात्मभूत १० अनभिचि(जि)त ३० अनभिवृत्त १६२ अनुत्सुक अक्षत १७ गुल्मजाति ६३ आभू. ६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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