Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 416
________________ गोत्र २०६ वक्खण लोद्ध पशु २२७ वक्खस्सामि वण्ण ११६ वक्खामि १३३ १०४ १२३ द्वितीयं परिशिष्टम् ३१३ शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द पत्र लेहणिक्खिवण लेखनिक्षेपण ९७ वइंदबुद्धि पुष्प ७० वडभ १५३ लेहपट्टिकमंडल ११६ वउत्थ प्रोषित १९६ वडु बृहत् ११४ लेहिच्चक ? २४९ वक वृक ६२ वड्डकि कर्माजीविन् १६० लोकक्खिणो १५० वक्कभंड वल्कभाण्ड १४२ वणकम्मिक लोकमाता ९ वक्कभंड वस्त्र २२१ वणति पुष्प ७० लोकम्हि लोके ३ वक्कय वल्कज आच्छादन ६५ वणपेलिका भाण्ड १९३ लोकहितय लोकहदय ५७ वक्कल वल्कल १४२ वणप्फइकाइकाणि लोणवाणिज्ज कर्माजीविन् १६० वक्किकतेल्ल वल्किकतैल २३२ वणप्फती वनस्पति १२१ लोतेक ? वङ्क्षण ६०-९६वणसंड वृक्ष ६३ वृक्ष ६३ १०१-१२३ वणियप्पधजोणि वणिक्पथयोनि १३९ लोपक व्याख्यास्यामि १८६ लक्षण १७३ लोपा वक्खाइस्सामो व्याख्यास्यामः १३५ वक्ष्यामि ४३ वण्णजोणि १४० लोममंडलक व्याख्यास्यामि १९२ वण्णधातुगत वक्खायिस्सामि अङ्ग लोमवासी ६६-७६-१२१ वक्खावत्थद्धरत वृक्षापस्तब्धरत १८४ वण्णपडीभागा लोमसिका कर्कटिका ७१ वग्घपद व्याघ्रपद गोत्र १५० वण्णमत्तिका वर्णमृत्तिका २३३ लोमसिग फल २३८ वचाई कृमिजाति ६९ वण्णयिस्सामि वर्णयिष्यामि २३७ लोमहत्थ लोमहस्त २१० वच्चगिह वर्चीगृह १३६-१३८ वण्णसुत्तक आभू. १६२ लोयक चतुष्पद वच्चदेवता व!देवता ७६-२२४ वण्णा वस्त्र ७१ लोयक दे० शटितधान्य ३३ वच्चभूमीय व!भूम्याम् २२२ वण्णेय लोलित क्रिया. ८४ वच्चाडक वर्षोंवत् ? २२२ वतंसक कर्णआभू. १८३ लोवहत्थपाणिय भाण्ड १९३ वच्चागत वर्षोभूमी २१४ वतिभेदग क्षुद्रजन्तु २३८ लोहकार कर्माजीविन् १६० वच्छ गोत्र १४९ वत्तणासी सर्पिणी ६९ लोहजालिका धातुवस्त्र १६३-२२१-२३४ वच्छक बाल १७० वत्तणीपालक वर्तनीपालक ८९ लोहभाण वादयिष्यति ८४ वत्तणीपालमग्गिय वर्तनीपालमार्गिक ९० लोहमय वृत्तपूर्व ८२ लोहमय भाण्ड ६५ वत्तमाणजोणि १३९ लोहसंघात १५ वट्टखुर वृत्तखुर ११६ वत्तमाणाणि लोहिच्च गोत्र १५० वद्रखेलणक ५७-८२-१२८ वृत्तकीडनक ११६ वत्ता लोहितक आभू. १६२ वट्टज्झाय वार्ता १० वृत्ताध्याय ११६ लोहितक सर्पजाति ६३ वट्टपीढक वृत्तोत्सव ८१-१०० आसन वत्तुस्सय ६५ लोहितक्ख आभू. १६२ वत्तमत्थ वत्थगत दोहदप्रकार १७२ वृत्तमस्तक ११६ लोहितिआ लोहितिका १८ वट्टमाणग वस्त्रगृह १३८ लोहियक्ख रत्न २१५ वट्टमुह १४० लोहीगत भाण्ड २१४ वट्टलोह धातु २३३ वत्थजोणी अज्झाअ १६३ लोहीवारगत भाण्ड २१४ वट्टलोहमय धातुवस्त्र २२१ वत्थपाढक कर्माजीविन् १६० ल्हासेहिति लासयिष्यति ८४ वट्टसीस वृत्तशीर्ष ११६ वत्थरिका भाण्ड ७२ ५८-१२८ वत्थाधिगत वस्त्राधिकृत कर्माजीविन् १६० वइए उक्तः ९ वट्टापेल वृत्तापीड २५९ वत्थि बस्ति ९४ वइत क्रिया. १९९ वट्टी वर्ति ६६ वस्थित अवस्तृत ११७ वइयाकरण व्याकरण ५७ वट्ठण वस्त्र १६४ वत्थिसीस अङ्ग ६०-२०४ वइरमच्छ मत्स्यजाति २२८ वड वृक्ष ६३ वत्थुदेवता वास्तुदेवता २०६-२२४ वइस्सज्झोसित वैश्यजोषित १६१ वडक उद्भिज्ज २२९ वत्थुपारिसद वास्तुपार्षद १५९ भाण्ड २५९ वज्जिहिते भाण्ड २२१ वट्रक आभू. १६२ वट्टक पक्षी १९७ वत्तपुत्व भाण्ड ६५ वत्थगिह वृत्तमुख ११६ वत्थजोणि वट्टा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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