Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 422
________________ शब्द संदण संदमाणिका संधाणिदंसण संधावति संधिपाल संधिवाल संधी संपडिका संपडिपेक्खित्ता संपदा संपदाकालिय संपभिण्ण संपवेदये संपवेदेज्जो संपसस्ते संपादेंत संपावित संबाधंतरातिमास संयुक संभिक संलाविताणि संलावियविहि संवच्छर संवत्तमणोरभ संवलिका संविजाणिया संविताणक संविद्धविधी संविधाणक संविभावये संविमट्ठाणि संबुद्धिका संवेक्षित Jain Education International पत्र शब्द वाहन १९३ संसरणगिह ७२-१६६ संसरित यान सन्ध्यानिदर्शन १५५ संसावित किया ८० संसिज्जमाण कर्माजीविन १५९ संहित कर्माजीविन ८८ सा १३६ साकरस आभू. ७१ साकिजा सम्प्रतिप्रेक्ष्य ४१ साम्प्रता: १८७ संभिन्नसोय सम्पन्न श्रोतस्-लब्धि संभुच्चविजय संल संलापजोणी अज्झाय संलावजोणीओ संलाववंदित संलावविधिपडलं संलावितविधिविसेस साखानगर सागरस १९० सागरोवम सम्प्रभिन्न १५४ सम्प्रवेदयेत् १४- १२६ सम्प्रवेदयेत् ५० सम्प्रशस्यते ३९ सम्पादयत् ३८ सम्प्राप्त १७६ १८६ द्वीन्द्रियजन्तु २६७ श्लेष्मरोग २०३ सादृक साडक साडक सातिक सातिज्जित साधारणजोणि साधुजु साधूनि सापस्सत सामकहाणि संभूयविजय २०० श्यालक २१९ १६७ संलापयोनयः ४० संलापवन्दित ३९ ४१-४८ ५९ ११-१३८ ९-१० कर्माजीविन् १६० सामिद्धि संवृत्तमनोरम १२१ सामेलक्ख नकुलिकाविशेष १७८ सामोई संविजानीयात् सामोवाताणि ३२ पुष्प ६४ सार द्वितीयं परिशिष्टम् सामकाल सामली सामवेद सामंत सामाग सामाणि सामाणिय सामासवेलिका १० सारस्सत १९३ [ सारा] सारो अज्झातो संविभावयेत् ३६ सारिकोपकरण २२-१२१-१२६ साल कृमि २३० सालका क्रिया ११५ सालफलरस पत्र शब्द १३८ सालयगय किया १४८ सालंकायण किया १८६ सालाका संशीयमान १९८ सालाकालिक किया ११५ सालाकी स्यात् ११-२२-३६-४७ सालि २२० सालिका सालिभ १५० १६१ २२१ २६५ शाटक १८ बाल १६९ वस्त्र ६४-१७० मायाप्रकार २६३ स्वादित १७० १३९ ४ गोत्र कालविशेष साधूद्युक्त साधुयोग्य ५ सापश्रय ३१ देवता सालिभन्जिय सालिमालिणी सालिया सास सासक ? ५७-९२ १११ १५३ गोत्र १५० सिगिला सामन्त-समीप ५ सिगिलि धान्य १७८ सिग्गुकतेल्ल ५७ - १५३ सिचकत २०५ सिज्जति २४७ सिहक सासवकूर सासवतेल्ल साहबो साहाअवस्सितरत साहानामे साहिक साहुसंपन्न सिएणिअ ? लक्षण देवता १३० सिता कर्माजीविन् १६० सितीय For Private & Personal Use Only सिकुत्थी सिकुवलिका सिकुवाली सम्मुद् ४०-१११ सित्थमच्छक ६८-९१ - १२८ सिद्ध १७३ सिद्धत्थिक २०४ सिद्धत्थिका २१३ सिद्धयत्त वृक्ष १३४ सिप्पगिह ६३ सिप्पपारगतं पक्षिन् २३८ सिप्पिका २३२ सिबिका ३१९ पत्र १८१ गोत्र १५० पक्षिणी ६९ भोज्य १८२ १६१ १६४ - २१९ १६६ पशु २२७ भोज्य १८२ देवता ६९ पक्षिणी ६९ कर्ण आभू. १८३ १४७ भोज्य ६४ २३२ ५ १८४ ११२ त्रीन्द्रियजन्तु २६७ साधुसम्पन्न ४ यान स्वालयगत कर्माजी धान्य जलवाहन साधवः १९५ सर्पिणी ६९ प्राणी २३७ सर्पिणी ६९ सर्पिणी ६९ प्राणी २३७ २३२ वस्त्र १४१ सीदति ५६ वृक्ष ६३ स्यात् २८ दे० निःश्रेण्याम् ३१-३३ मत्स्यजाति २२८ १७७ आभू. ७१ भोज्य १८२ सिद्धयात्र १४७ शिल्पगृह १३६ - १३७ कर्माजीविन् १६१ द्वन्द्रयजन्तु २५७ ७२-१४६-१६६-१९३ www.jainelibrary.org

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