Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 431
________________ ३२८ धातुरूपम् णिसुद्ध णिसेवति णिस्सरित णिस्ससति णिस्ससंत णिस्ससित निस्संघति णिस्सारित णिस्सावित णिस्सित णिस्सिघित णिसिघेमाण पिस्सूषित णिहित णीणित णीणीयमाण णीरक्कअ णिहरति पीहोत पीहारेति णीहित णुमज्जु णूण य Mile haltuu गोल्लण पोल्लति पहाण ण्हात हाधिति हायमाण माहिते तच्छेमान तणित तण्हाइत तरे तिरिण तिलेमाण तुच्छित तूरित्थ Jain Education International त अंगविज्जान्तर्गतानां प्राकृतधातुप्रयोगाणां संग्रहः धातुरूपम् पत्रम् १९७ १२३-१९७ थकित १०८-१६९ थक्केंत १०८ - २४६ थत ३७-१३५ थंभित १५५-१६८ थेव्विद्ध १०८ १०८-१६८ दद्दुमण १७१ दलायते १६२-१७१ दलिय १७१ - १८६ दस्सामो १३५ दायते २५५ दालित दाहिति १११-१४८ १९८ दिस्मिति १९८ दिज्जहिति १७१ १०८ १३६ १०८ १०७ ३९ १४८ १८ ४४ ८० १९३ ८१ ८४ ३८ ८४ दिस्सर दिस्सते दिस्सहिति दीसति दुसिस्सति देति धणित धमित धंत मंसित धावति धावित धाहिति धुत ३८ धूमायत १४७ घेत सं. १२१ - २४६ धोवमाण १० १४८ निवेसए १४८ निवेसेति १४७ १६९ पकिण्ण १४८ पकुट्ठ २६० पखलित १४८ पगलिअ थ ध न प पत्रम् पगलित २४५ पगलेंत ३८ पघंसण ३६ पघंसंत १४८ पघातण धातुरूपम् १४८ पचलायण पचलित १४७ पच्चालंबिज्जमाण ८३ पच्चालंबित ८० पच्छादित २३६ पच्छेलित ८३ पच्छोलित ८०-१४८ पजायति ८४-२३६ पजायते १७५ पजायिस्सति २३६ पजाहिति ८ पज्जुवासंत ८३-१०८ पज्जोवत्त For Private & Personal Use Only ८४ पडिओधुत ८७ पडिगमिस्ससि १७५ पडिच्छह ८३ पडिच्छित पडिछुद्ध २३९ पडिणामित १४८ पडिणायित १४८ - १९७ १६८ पडित पडिदिण्ण ८० पडिदिन १४८ पडिपिक्खिया ८४ पडिबुज्झते ८०-१४८ पडिबुद्ध २५४ पडिमुंडित ३२ पडिलोलित ३८ पडिविक्खिज्ज पडिसरित ११ पडिमियमान ८३ पडिसामित पडिसिद्ध ८०-१६९ पडिसेधित २१५ पडिहरित २५४ पडिहारित ८० पढति पत्रम् २५५ ३८ १९३ ३९ १४८ ४४ ३८ १९८ १९८ १४८ १४५ - १८४ १६८ २९ ११० १६९ ६६-७९ १९७ २४७ १६९ १९२ २३६ १६८-१७० १६९-१७१ १७१ १६९ १२१-१६९ १७१ १६९ १५ ८३ १७१ १७१ १६९ १३ १६९ - १७१ १९८ २४५ १७१ - १९८ १४८ १६९ १७१ ८३ www.jainelibrary.org

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