Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 449
________________ पञ्चमं परिशिष्टम् अंगविज्जामध्यगतानां विशिष्टवस्तुनाम्नां विभागशः सङ्ग्रहः मनुष्यविभाग: (१) चतुर्वर्णविभाग पृष्ठ १०२-३ सुद्दबंभ बंभण बंभखत्त खत्तबंभ बंभवेस्स वेस्सबंभ बंभसुद्द सुद्दबंभ खत्तिक खत्तवेस्स वेस्सखत्त खत्तसुद्द सुद्दखत्त वेस्ससुद्द सुद्दवेस सुद्द अज्ज मिलक्खु बंभण अज्जदेसंतर अणज्जदेसिज्ज सुद्धवण्ण साम कालक महाकाय मज्झिमकाय पच्चवरकाय (२) जातिविभाग पृष्ठ १४९ ववहारोपजीवी दीववासि सत्थोपजीवी जणपदवासि खेत्तोपजीवी चेट्टितक णिक्खुडवासि आपेलचिध णिक्खुडदेसिज्ज कण्ह पव्वतवासि कंचुकचिंध ओवात पुरस्थिमदेसीय दक्खिणदेसीय पच्छिमदेसीय उत्तरदेसीय अज्जदेसणिस्सिंत खत्तिय वेस्स सुद्द-मिलक्खु (३) गोत्रविभाग पृष्ठ १४९-५० वराह डोहल मुज्जायण कत्थलायण गहिक णेरित गहपतिक दिजाति माढ गोल हारित चंडक सकित(कसित) वासुल वच्छ संडिल्ल कुंभ माहकि कस्सव गोतम अग्गिरस भगव भागवत सद्दय इतिहास रहस्स सुयवेद सामवेद यजुव्वेद अहव्वेद एकवेद दुवेद कोच्छ ओयम कोसिक कुंड-कोंड सगोत्त सकविगतगोत्त बंभचारिक पवर लोहिच्च पियोभाग पव्वयव संडिल्ल आपुरायण वावदारी वग्घपद पिल देवहच्च वारिणीलं सुघर थीणव वेयाकरण मीमंसक छंदोक पण्णायिक ककितजाण यण्णिक तिक्खक जोतिसिक कंडूसी भागवाती काकुरुडी कण्ण मज्झंदीण वरक मूलगोत्त संखागोत्र भेदाणुजोग कढ कलव वालंव सेतस्सतर तेत्तिरिक मज्झरस बज्झस छंदोग लोकक्खि कचक्खि चारायण पारावण अग्गिवेस मोग्गल्ल अट्ठिसेण पूरिमंस गद्दभ बंभच्च काप्पायण कप्प अप्पसत्थभा सालंकायण यणाण आमोसल साकिज्ज उपवति डोभ थंभायण जीवंतायण दढक धणजाय संखेण तिवेद सव्ववेद छलंगवि सेणिक णिरागति वेदपुट्ठ सोत्तिय अज्झायी आचरिय जावक णगत्ति वामपार मंडव सेट्ठि वासिट्ठ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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