Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 459
________________ ३५६ पृष्ठ १८३ दिव्वरत माणुस्सरत तिरिक्खजोणियरत पुरिसरत थीरत णपुंसकरत चुंबितरत आलिंगितरत सेवणारत अभारिकपुरिसरत सभारिकपुरिसरत अपतिकथीरत सपतिकथीरत अणपत्तपुरुसरत वंझाथीरत .दिव्वरत अच्छरारत देवरत णागकण्णारत णागरत किन्नरिरत किनररत पिसाईरत पिसायरत रक्ख सरत रक्खसीरत गंधव्वरत सुद्दारत अंगविज्जामध्यगतानां विशिष्टवस्तुनाम्नां विभागशः सङ्ग्रहः (२३) रतविभाग गंधव्वीरत णपुंसकरत वक्खावत्थद्ध उदुणीरत मुदितारत असुरकन्नारत विगतरत पृष्ठ १८५ अणुदुणीरत विस्सुयकित्तिरत असुररत अविगतरत गुदेरत विसदारत पक्खातारत मतकपडिमारत पृष्ठ १८४ णाभिरत दुस्सीलारत दंसणीयरूवसंपण्णारत पत्थिवपडिमारत उट्टितरत थणंतरस्त अद्धसंवुतारत सुगंधारत मुत्तिकापडिमारत उवविट्ठरत पाणिरत सभज्जारत इट्ठथीरत चित्तपडिमारत संविट्ठरत उवातारत परभज्जारत भिउडीरत तिरिक्खजोणि- अवत्थद्धरत सामारत मित्तभज्जारत णिकाणितरत यरत दक्खिणपस्सरत कालिकारत रायपुरिसभारियारत खयरत सगुणिरत वामपस्सरत दीहारत परिचारिकारत णक्खपदरत कक्कडिरत उत्ताणरत रस्सारत परूढणखकक्खरोमारत दंतखयरत टिट्टिभीरत णिकुज्जरत थूलारत अचिरपरूढणहरोमारत गीतरत पारेवतीरत ओणतरत किसारत सुपरिमज्जितणहकक्ख हसितरत छित्रगालिरत उब्भरत बालारत वत्थिसीसारत आहारितरत गोरत एक्कभग्गरत वयत्थारत पुधुउपधारत पुसुयरत महिसरत पसल्लियवेलुफालियरत मज्झिमारत संखित्तभगारत सोणियओघायणरत अयेलकरत उत्ताणरत महव्वयारत परिमंडलभगारत अस्सतरिरत उभयोसंविट्ठ बंभणीरत चतुरस्सभगारत पडियारत सुणिकारत अद्धसंविट्ठ खत्तिकारत तंसभगारत विवादरत वराहीरत एक्कापविट्ठ(द्ध) वेस्सीरत अमेखलारत रत्तिरत वलवारत पणतरत सुद्दीरत समेखलारत दिवारत उट्टीरत कडिगहित कसिगोरक्खभज्जारत कुमारीरत संझाकालरत गद्दभीरत चतुप्पद कारुकभज्जारत जुवतीरत पदोसरत गावीरत रधप्पयात ववहारिभज्जारत उत्तानभगारत अवरण्णरत महिसीरत उपविट्ठरत पउत्थपतिकारत णिण्णभगारत मज्झंतियरत माणुस्सरत सयणावत्थद्ध अविधवारत पसण्णारत अद्धरत्तरत थीरत आसणावत्थद्ध अवट्ठितारत कुद्धारत पच्चूसरत पुरिसरत साहावत्थद्ध चलचित्तारत चित्तारत (२४) दोहदविभाग अरण्णगत सद्दगतदोहद धूपगत वाहणगत पक्खसंधीसु वत्त भूमिगत मणुस्ससद्दगत मल्लगत गहगत अब्भंतरपंचमीवत्त णगरगत पक्खिसद्दगत पुप्फगत वत्थगत परमपंचमीवत्त खंधावारगत चतुष्पदसद्दगत फलगत आभरणगत अब्भंतर जुद्धगत पृष्ठ १७२ पत्तगत जाणगत दसमीवत्त किड्डागत परिसप्पसद्दगत आहारगत समयदोहद परमदसमीवत्त पुष्फगत दिव्वघोसगत रसगतदोहद सरदे वत्त पायरासे वत्त फलगत वादित्तघोसगत पाणगत घिम्हे वत्त पदोसे वत्त महासरगत आभरणघोसगत भोयणगत पाउसे वत्त मज्झंतिके वत्त पुढविगत गंधगतदोहद खज्जगत वासारते वत्त अड्डरते वत्त पव्वतगत णाणगत लेज्झगत हेमंते वत्त अपरण्हे वत्त आरामगत अणुलेवणगत फासगतदोहद वसंते वत्त अतिवत्तसद्दवत्त देवगत अधिवासगत आसणगत सुक्कपक्खे वत्त अणागतसद्दवत्त संगामगत पघंसगत सयणगत कालपक्खे वत्त वत्तमाणसद्दवत्त पृष्ठ १७१ रूवगतदोहद मणुस्सगत चतुप्पदगत पक्खिगत परिसप्पगत कीडकिविल्लगत पुप्फगत विद्धिगत णदीगत संमुद्दगत तलावगत वापिगत पुक्खरणिगत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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