Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 428
________________ पत्रम् ३२५ पत्रम् ३३-१७१ ८० ८०-१४४ २१५ १६९ १६२ १६२-१७१ ३८ १४८ ३३ १४८-१८६ १४८ १४८ २३५ १४८ ३४ १६९-१८४ ४२ ४२ धातुरूपम् उप्पज्जति उप्पज्जते उप्पज्जिहिति उप्पुत उब्भिण्ण उम्मज्जित उम्मज्जितूण उम्मत्थित उम्महित उम्मुक्क उल्लंधित उल्लंहित उल्लालित उल्लोइत उल्लोकित उल्लोकेति उल्लोगित उल्लोयंत उल्लोयित उल्लोहित उवकटुंत उवकसित उवक्खलित उवगूढ उवट्ठिय उवणामेति उवणात उवणिमिल्लंत उवत्त उवद्दित उवद्दुत उवधारए उवधारये उवपेक्खित उवप्फरिसते उवलक्खये उवलद्धव्व उववसित उवविट्ठ उववित्त उवसवंत उवसक्किम तृतीयं परिशिष्टम् धातुरूपम् पत्रम् धातुरूपम् २४६ उवसक्कित १८४ ओतिण्ण ८३ उवादिण्ण २१७ ओधावति ८४ उवे? १८४ ओधुत ३७ उवेसंत १३५ ओमत्थित २४५ उव्वट्टण १९३ ओमथित १११-१४८ उव्वरित १११ ओमधिय २३९ उव्वलित १०६ ओमुक्क १४८ उव्वलेंत ३८ ओमुंचमाण १४८ उव्वात १२२ ओरिक १४८ उव्वेल्लित १०८ ओरुज्झ १४८ उव्वेहासित १४८ ओरुभंत १४८ उस्ससित १४८ ओरूढ १४८ उस्सारित ११५ ओरेचित १६८ उस्सासेंत ३७ ओलकित १४५-१४८ उस्सित १३२-१६८ ओलमित १४१ उस्सिघण १९३ ओलंबित ३४-१७६ उस्सिघित १४८-१८६ ओलोइत ओलोकित १९७ ऊहस्सित १७६ ओलोयंत १०६ ओलोलित १४४ एति १०७ ओवट्टित १९८ एमि १०७ ओवत्त २५१ एहिति ७४-८४ ओवयित ८६ एहिती ८४ ओवारित ओवालित ८३ ओकट्ठ १६ ओसरित ३७ ओकट्ठित १७१-१९५ ओसारित ३४ ओकड्ड ८६ ओसुद्ध १२२ ओकड्डित १६९ ओहत १४८ ओकुणंत ४२ ओहसित १५५ ओखिन्न १९५ ओहिज्जंत १०७ ओगूढ ८६ ओहित ७९-१०७ ओघट्टित १४८ ३४ ओचक्खति ८३ कड्डित १०७ ओछुद्ध १६९ कड्डिति १९७ ओणत ३३-१७१ कत ९ ओणमंत ३७-१३५ कधेति १९३ ओणामित १४८-२०० करिस्सति १४५ ओणिपीलित १४८ कस्सामो १५ ओतरंति १ कंदित १३५ ओतारिअ १६९ कंपंत १६ ओतारित १११-१७१ कारयिस्सति ८१-१६९ १६९ १६९-१७१ २५८ .१४८ १९८ ओ १४८ १६९-१९५ १४८-२१५ १४८-१९७ १४८ ८१-२१५ ४६-१६२ ३६ १७५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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