Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 421
________________ पत्र नलुलिकाप्रकार २२१ द्वीन्द्रियजन्तु २६७ संस्कृत १७६ कर्माजीविन् १६० १०४ द्वीन्द्रियजन्तु २६७ उद्भिज्ज २२९ १०४ संस्कृता २२० २१५ ام ب س आभू. १६२ १०४ १०४ शङ्खवाणिजक १०४ अङ्ग ७७-१२४ भाण्ड २२१ गोत्र १५० १२८ ५८-११२ م १३९ ३१८ अंगविज्जाए सद्दकोसो शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द समोखिण्ण समुत्क्षिप्त १९५ सव्वचलामास १३० संकोसक समोवयितगत्त १११ सव्वट्ठक कृमि २२९ संख सम्मई सन्मति-वीरजिन १० सव्वणीहारगत १६८ संखअ सम्मज्जित सम्मार्जित २१ सव्वतोभद्द आसन ३१-६५ संखकार सम्मट्ठ सम्मृष्ट २४ सव्वत्त सर्वत्र १५८ संखचुण्ण सम्मिका कर्णआभू. १८३ सव्वत्थीक ? ३०-४८-५१ संखणग सम्मोई सम्मुद् १२-४०-१११ सव्वत्थीभावप्पदेसदंसक ५७ संखणा सम्मोदी सम्मत् १९८ सव्वपल्हत्थिका सर्वपर्यस्तिका १८ संखणाभि सम्मोयिआ सम्मुद् ३९ सव्वपादोवक सर्वपादोपक १४२ संखता सयओ सयतः ६ सव्वबाहिरबाहिर ८९ संखभंड सयणगत दोहदप्रकार १७२ सव्वरंगावचरगत १३० संखमय सयणगिह शयनगृह १३८ सव्ववेद गोत्र १५० संखमल सयणपाली कर्माजीविनी ६८ सव्वसज्जीवपरामास १३० संखवलय सयणावत्थद्धरत सयनापस्तब्धरत १८४ सव्वसप्पसु १५५ संखवाणियक सयसाह सव्वाणित ? शतशाख १५८ संखा सव्वोधिजिण सर्वावधिजिन १ संखागवलमय सयसाहस्समुख शतसहस्रमुख सव्वोसहिपत्त सौषधिप्राप्त ८ संखागोत्त सयसाहस्ससाधि शतसहस्रशाखिन् सस पशु २३८ संखावम्माणि सयाहिजुत्त सदाऽभियुक्त ससपतिकाय सस्वपतिकया १८५ संखावामा सयितव्वजोणि ससबिंदुक फल ६४ संखिक सर लक्षण १७३ ससबिंदुकिणी वृक्षजाति ७० संखेणा सर स्वर १५३ ससित श्वसित १४८ संगमजोणि सरक-ग सच्छिष्य ५ संगमत्तिका सरगपतिभोयण भाण्ड १९३ सस्सकचुण्णक २३३ संगमित सरजालक आभू. सस्सप धान्य १६५ संगलिका सरंट शरट २२७ सस्सयित संशयित १९९ संगलिकावत्थ सरसंपण्ण सस्सावित क्रिया १३३ संघतण सरस्सती २३२ संघमालिका स्वहस्तकारी ९८ संघाड सलाकंजणी शलाकाञ्जनी सहवरपुष्फ पुष्प ६३ संघायमंडल सलिलयत्ता सलिलयात्रा १४८ सहस्स १२७ संचित सल्लईहिं सल्लकीभिः १७७ सहस्सदंत मत्स्यजाति ६३ संजुकारक सल्लकत्ता कर्माजीविन् १६१ सहस्सदारजुत्त सहस्रद्वारयुक्त २ संझडित सल्लिका श्यालिका ६८ सहस्सपत्त पुष्पजाति ६३ संझादसण श्यालिका २१९ सहस्सवग्गे ५९ संठाण सवणगिह सवनगृह १३८ सहस्सवागरणा सहस्रव्याकरणा ८ संडिल्ला सवलाहिक स्थल-जलचर २२७ सहिगिणी ? ६८ संढ सवाहत क्रिया २०२ सहितमहका ? १५३ संतत्थ सव्वअज्जीवपरामास १३० संकधा सङ्कथा ४० संताणका सव्वअसक्कारित किया १३० संकम १३६ संतिट्ठिस्सति सव्वअसारगत १३० संकर ७३ संथडिय सव्वगोसिधण्ण १६६ संकुचणुट्ठित सङ्कोचनोत्थित ४५ संथित १०४ गोत्र १५० १३९ भाण्ड ६५ ससिस्स देवता २२३ सहकाररस भाण्ड ७२ सहत्थकारी सरिक वर्णमृत्तिका २३३ सङ्गमित ४१ साङ्गरिका ७१ सिङ्गिका १६६-१७९ संहनन लक्षण १७३ आभू. ७१ जलवाहन १६६ ११६ क्रिया १४८ कर्माजीविन् १६० संशीर्णः ११८ २०६ लक्षण १७३ गोत्र १५० ७३ संत्रस्त २५४ क्षुद्रजन्तु २२९ संस्थास्यति १७६ संस्तृत ११६ संस्तृत ११६ सल्ली Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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