Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 419
________________ ३१६ ५९-१२८ विसेसक व्याकुर्यात् ७ विसेसकिया पत्र विष्णु २२३ वैतालिक १४७ वेदिका १५२ वेदी १३६ वेदोपकरण २३९ वेदाध्यायिन् १०१ गोत्र १५० - वस्त्र ६४ वैधव्य १९७ वैमनस्यात् ४३ गोत्र १५० वस्त्र ७१ कर्माजीविन् १६१ किया. ८१ विडम्बयति ८३ भोज्य १८२ जलवाहन १६६ विझ १९७ वी २२१ अंगविज्जाए सद्दकोसो शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द विभावेतूण विभाव्य ८६ विसतित्थिका कर्माजीविन् १६१ वेण्हु विमट्ठ विमृष्ट __ २१ विसमाणि ५८-१२४-१२९ वेतालिक विमरिस विमर्ष ५७ विसलाइत विशलाकित ? ८० वेतिया विमिलीसेलणालिक ? ५ विसंधित क्रिया. १६८ वेती विमिसिंत दे० प्रकाशित ६ विसाणमत्तिका वर्णमृत्तिका २३३ वेतोपकरण विमुक्कायं विमुक्तायाम् २० विसाह विशाखा २२३ वेदज्झाइ वियडप्पकास विकटप्रकाश १३७ विसिण्ण विशीर्ण ८१ वेदपुट्ठ वियडसंवुडा तिलकविशेष ६४ वेधण वियागरिज्ज ओकुंतणक १८३ वेधव्व वियागरे व्याकुर्यात् ४२ विस्सत्थ विश्वस्त १४३ वेमणंसा वियाजिज्जमाण ? क्रिया. १९८ विस्ससुद्द वैश्यशूद्र १०३ वेयाकरण वियाणक वितानक विस्सुअ विश्रुत १९२ वेलविक वियाणिज्जो विजानीयात् २४ विस्सोदण भोज्य १७९ वेलंबक विहक वियाणीया विजानीयात् ३३ विहग १४७ वेलंबित वियाणेज्जो विहि विजानीयात् १९६ १२१ वेलंबेति पर्वत ७८ वेलातिक वियाणेय विजानीयात् । अपि ३० वेलु विरुब्भति विरुणद्धि १९७ वीजणी उपकरण २३० वेलुमय विरूढतरक ११८ वीणा वाद्य २३० वेल्लरि विरोध विरुह उपकरण २०५ वेल्लिका ? विरोह व्यजनिका १९८ वेसगिह विरोहंते विरोहति (स० ए०) ३३ । पक्षिनाम ६२-२३९ वेसण विलका विलया-वनिता ६८-२०२ नोवाद १४५ वेसमणकाइय विलंधित १२७ वेसिक विलात ५९ वेसियागत विलाल पशु २३८ वीहि धान्य १६४ वेसेज्जसुद्देज्जाणि विलालु वुक्खाधिउत्था देवता २२४ वेसेज्जाणि विलित वीडित ४५ वुख वृक्ष २२२ वेस्स विलियंध वृक्ष ६३ वुट्ठिदार १४६ वेस्स विलिजरा पुष्प ७० वुट्ठिद्दार १४४ वेस्सखत्त विलेपिका भोज्य ६४-१७९-२४६ वुड्डजोणि १३९ वेस्सजोणि विलोकंत विलोकयत् ४२ वुप्पसुत्त कण्ठआभू. १६३ वेस्सप्पकतिओ विल्लरी पक्षिणी ६९ वूहित बृंहित १४८ वेस्सबंभ विवट्टणग भाण्ड १९३ वेइया वेदिका ३१ वेस्सवण विवरा ५८-१२४-१२९ वेइल्लपुष्फिका विचकिलपुष्पिका १०४ वेस्सेयाणि विवाडित वस्त्र १६३ वेकच्छग ____ आभू. ६५ वेस्सोसण्ण विवाडेंत विपादयत् १४४ वेकंतकलोह धातु २४८ वेहायस विवाडेती विपादयती १६९ वेजयंती वृक्षजाति ७०-१४६ वेंटक विवादजोणि १३९ वेजयंती पुष्प ७० वोकसित विवाह उत्सव २२३ वेट्ठण वेष्टन १३४-२४२ वोक्कितक्क विविय ? क्रिया. १९१ वेडसी वृक्ष ७० वोमीक विवेक्खित विप्रेक्षित २०५ वेढक आभू. ६५-११६ वोसट्टमाण विरुह वीयणी ९ वीयणीया वीरल वृक्षजाति ७० १४२ वेश्यागृह १३८ स्थानविशेष २२२ देवता २०४ वैशिक १६७ वेश्यागत २०८ ५७-१०३ क्रिया. १४८ वीस वस्त्र १६३ वीसतिवग्गा पशु वैश्य १०२ द्वेष्य १२०-२५३ वैश्यक्षत्र १०२ १३९ १०१ १०२ देवता २०५ १०२ १६१ १९२ अङ्गुलिआभू. १६३ व्यपकृष्ट १४८ भोज्य १८२ सर्पिणी ६९ विकसत् १४८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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