Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 409
________________ २०६ १३९ पिलक रोग २०३ पुत्तंगय प्लक्षक २७ पुत्तेयाणि गोत्र १५० पुत्थव्वा ? पुधवी ३०६ अंगविज्जाए सद्दकोसो शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द पत्र पितुस्सियाधीतर पितुःष्वसृदुहित २१९ पुच्छितपडल ३८ पुरोहित कर्माजीविन् १६० पितुस्सियाधीतरी पितुःष्वसृदुहितृ २१९ पुच्छितविधिविसेस ५९ पुलअ रत्न २१५ पित्तप्पगति पित्तप्रकृति १७४ पुच्छिताणि चउव्वीसं ११-३६-३८ पुलिदि पुलिन्ददेशजा ६८ पित्तियधीतर २१९ पुच्छियविहि ९-१० पुव्वण्ण पूर्वाह्न १६४-१७८ पिधयित्ता पिधाय ४२ पुडिका पुटिका २५९ पुव्वदक्खिणकाणि १२८ पिधुलाणि ११६-१४२ पुढविकाइया ५८ पुव्वदक्खिणजोणि १४० पिपीलिका त्रीन्द्रियजन्तु २६७ पुढविधातुगत १३३ पुव्वदक्खिणभागाणि ११० पिप्परी वृक्ष ७० पुणोइ पुनः ११ पुव्वदारिक पिप्पलफल २३८ पुण्णा ५८-१२४ पुव्वभवविवाग २६२ पिप्पलमालिका आभू. ७१ पुण्णामजोणि १३९ पुवामास १६७ पियंगुका पुष्प ७० पुण्णामधेज्जामास १३०-१४५ पुव्युत्तरजोणि पियाणि ५८-१२८ पुण्णामम्हि पुंनाम्नि २४ पुसुय ? १८५ पियाल प्रियालफल २३१ पुण्णामाणि-णि ५७-१२६ पुस्सकोकिलक आभू. पियोभागा गोत्र १५० पुण्णामा पुण्णत्तरं ५९ पुस्सघर पुष्पगृह २२२ पिरिली पक्षिणी ६९ पुण्णामास १३०-१६१ पुस्सतेल्ल २३२ पिल पक्षी ६२ पुत्तक बाल १४२ पुस्समाणव कर्माजीवीन् १४६-१६० पक्षी ६२ पूक पूय १७७ पिलक्खक ५९-१२५-१२८ पूतणा पक्षिणी ६९ पिला ११४ पूता पूजा २५६ पिल्लक बालक ९७-१४२-१५३-१६९ पृथिवी १२१ पूतिक ? १५५ पिल्लिका लघ्वीबाला ६८ पुधुला ५८-१२८-१४२ पूतिकरंज फल २३२ पिविपिण मत्स्यजाति पुधूणि तेल्ल २३२ पिच्छोला दोहदप्रकार १७२ पूतिय पूजित २१० भाण्ड पिंडालुकी वृक्ष पुष्पगृह १३६-१३८ पूतियं पिडिक ६४ पूतिल फल २३२ जलवाहन पुप्फमय पीणक परिसर्पजाति आभू. १६२ पूर्तिगाल ६३ भाण्ड ६५ पीतक पुष्फरस १२५-१२९ १८१-२२१ पूतीणि वर्ण पुष्फाधियक्ख पुष्पाध्यक्ष १५९ पूप भोज्य १८२ पीतवण्णपडिभागा पुप्फितिक आभू. ७१ पूयित पूजित ४३ पीतउल्लोगित पुप्फुच्चाग पुष्पोच्चायक ८९ पूयिय पूजित ४६ पितिक पुरच्छिमा पीडोलकस्स खंभ ? पुरस्थिमजोणी १३९ पूसित ? किया. १७१ पीढक पीठक १५-१७-१४२ पुरथिमाणि १०८-१२८ पेक्खमाण प्रेक्षमाण १६९ पीढपिंडी भोज्य .७१ पुराण सिक्कक ६६ पेक्खितविभासा ३५ पीढफलक पेक्खितामास ७२-७३-८० १०३ पेचुक कण्ठआभू. १६३ पीणियतता पुरिमा प्रेक्षते १०७ पीलुतेल्ल २३२ पुरिमुत्तराणि पेय १४३ पुक्खरणी पुष्करणी २३३ पुरिसणखत्त पीठिका ३१-७२-१३६ पुक्खरपत्तग भाण्ड ६५ पुरिसपरामास पेतक देवता २०४ पुच्छलक कण्ठआभू. १६२ पुरिसावस्सय पुरुषापश्रय २७ पेतकिच्च प्रेतकृत्य २०८ पुच्छिज्जमाण पृच्छयमान १९३ पुरेक्खड देवता २०४ पुच्छित अज्झाय १३४-१३८ पुरोहड पैतृकम् २१९ ११७ पूतिकरंज पुष्फगत पुष्फगिह पुष्फजोणी पुष्प ५८ पूरिमंसा गोत्र १५० आसन ६५ परिमभवविभाग पीठिका १५ परिमंगाणि २६३ पीढिका १३५ ११५ पेच्छते १११-१२८ पेज्ज २०९ पेढिका १३१ पुरस्कृत १६-१८ पेता अग्रद्वार १३८ पेतिज्ज Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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