Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 391
________________ ओरुज्झ ५७ कचक्खी २८८ अंगविज्जाए सहकोसो शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द पत्र ओयवति साधयति २४२ ओहसित उपहसित ८१-२१५ कडिकतोरण कटिकातोरण १३६ ओरम्भिक कर्माजीविन् १६१ ओहास ७ कडिगेज्झक कटिग्राह्यक २४९ ओराणी आभू. ७१ ओहिज्जंत अपजिह्रियत् ८१ कडित कटित-कटयुक्त ३० ओरिक अवरिक्त १४८ ओहित अपहृत अवहित ३४ कडीगहितरत १८४ अवरुह्य ३९ ओहीण अपहीन ४६ कडुकालमच्छ २३७ ओरुभंते अवरोहति सप्तमी एक० ३३ कडुमाय चतुष्पद ६२ ओरूढ अवरूढ १४८ ककाडिका कृकाटिका ६६-११२-१२१ कडूकीका वृक्षजाति ७० ओरेचित अपरेचित १४८ ककितजाण गोत्र १५० कड्डित कृष्ट १४८ ओलकित अवलगित ? १४८ ककी पक्षी ? २३९ कढ गोत्र १५० ओलमित ? क्रिया. २३५ ककुलुंडि भाण्ड २१४ कढिणधातुगत १३३ ओलंबित अवलम्बित १४८ कक्कडी मत्स्यविशेष १८३ कणलीकत ? २५९ ओलोएत अवलोकयत् ४२ कक्कब गुडविशेष १८२ कणवीर गुल्मजाति ६३ ओलोकित अवलोकित १३०-१७१ कक्करपिंडग भोज्य २४६ कणवीरका कनीनिके ९३-१२५ ओलोलित क्रिया. ८१-१६९ कक्कुस कुकुस १०६ कणिकार कर्णिकार ९० ओवट्टित अपवर्तित १६९-१७१ कर्कशः १८९ कणिल्लिका कनीनिका १२५ ओवत्त अपवृत्त १६९-१७१ कक्खडाल कर्कशः ३३ कणेट्ठिका अङ्ग १३४ ओवयित अवपतित २५८ कक्खारुक-ग फल ६४-२३८ कण्ण गोत्र १२५-१५० ओवात अवपात १४९-२४९ कक्खारुणी वृक्षजाति ७० कण्णकोवग कर्णआभू. ६४ ओवातसामाणि गोत्र १५० कण्णखील कर्णआभू. ६५ कचि क्वचित् १५४ कण्णगूधक कर्णगूथक-कर्णमल: १५५ओवाताणि ५७-९० कच्छभक ओवातिक १७८-२०३ ६९ परिसर्पजाति स्थल-जलचर २२७ कच्छभमगर मत्स्यजाति २२८ कण्णचूलिगा कर्णचूलिका ६६ ओवातिका अवपातिका ६८ कच्छा कक्षा २०१ कण्णतिल धान्य १६४ ओवादकर अवपातकर ४ कज्जूरी खजूरीवृक्ष ७० कण्णपालिक कर्णआभू. ११६ ओवारि कज्जोपक कार्योपग २५४ कण्णपाली कर्णपाली ६६-१२४-१४१ ओवारित अपवारित वस्त्र ७१ कण्णपीलक कर्णआभू. ६५-१८३ ओवालित काष्ठ १५ कण्णपुत्तक अङ्ग ९३ ओवास कर्णआभू. १८३ आभू. ६५ कण्णपूरक कर्णआभू. ६५-१८३ ओवुलीक चतुष्पद जलवाहन १६६ कण्णरालक। धान्य १६४ ओवेढग. आभू. ६५ कट्ठखोड दे० काष्ठखोड १५ कण्णलोडक कर्णआभू. ६५ ओवेढिय अपवेष्टित कट्ठमय आभू. १६२ कण्णवलयक कर्णआभू. ११६ ओसधगिह औषधगृह १३७ कदमयं पीढं काष्ठमयं पीठम् २६ कण्णवल्लीका कर्णआभू. ७१ ओसधजवागू भोज्य कट्ठमुह वाहन १९३ कण्णवीही धान्य १६४ ओसधीपडिपोग्गल कट्ठहारक काष्ठहारक ८९ कण्णसक्कुल्ल अङ्ग १५५ ओसर कटुंसालुक (कंठमालक) रोग २०३ कण्णाणिव्वहण उत्सव १४३-१४४ ओसरक कर्माजीविन् १६० कण्णातिमास १८६ ओसरित अपसृत १६९ कद्वैवट्टक कण्ठआभू. १६३ कण्णातिलग तिलकप्रकार २४६ ओसारित क्रिया. १३०-१४८-१७१ कडक-ग स्तनआभू. ६४-६५-१६३ कण्णापवाहण कन्याप्रवाहन ३१ ओसीसजंभिय अवशीर्षजृम्भित ४७ कडुच्छिका ७२ कण्णायावहण उत्सव १४४ ओसुद्ध क्रिया. १४८-१९७ कडमच्छ त्रीन्द्रियजन्तु २६७ कण्णावासणो अज्झायो १७५-१७६ ओसूतक अवसुप्तक २४९ कडसक्करा वर्णमृत्तिका १०४-२३३ कण्णिका । कर्णआभू. ७१ ओहत उपहत १४८ कडाहक भाण्ड २१४ कण्णिकार वृक्ष ६३ ओहत्थहसिय अपहस्तहसित ३५ कडिउपकाणि कटीआभू. १६३ कण्णिवल्लीबंध ? __१६५ १४ क्रिया. कटुतरी २१६ १८ अपसरक १३७ कद्राधिकत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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