Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

Previous | Next

Page 406
________________ पत्र पात ८० द्वितीयं परिशिष्टम् ३०३ शब्द पत्र शब्द पत्र पडिबुद्ध प्रतिबुद्ध १७१ पण्णाधिग प्रज्ञाधिक ५७ पद्मतिलक तिलकप्रकार २४६ पडिमविधि ९-१० पण्णायिक गोत्र १५० पद्रव प्रदेशविशेष १६७ पडिमुंडित प्रतिमुण्डित १७१ पण्णासपण्णत्तरिवस्ससाधारणाणि ५७ पधकलीतेल्ल २३२ पडियाणि अट्ठ ११ पण्णिक कर्माजीविन् १६० पधवावत पथव्याप्त १५९ पडिलोलित प्रतिलोलित १६९-१७१ पण्णेलिका प्रणालिका ? ११६ पधावति प्रधावति पडिवज्झक उत्सव ९८ पण्हु पाण्डु २१८ पधिकणिलय पथिकनिलय २५८ पडिविक्खिज्ज प्रतिप्रेक्षेत १३ पतज्जण? ? ४५ पधित प्रहित १९१ पडिवेसघर प्रतिवेश्मगृह २२० पतिआरक्ख प्रत्यारक्ष १५९ पधोवंत प्रधावयत् ३९ पडिसराखारमणी कण्ठआभू. १६३ पतिगिण्हंती प्रतिगृण्हती १६९ पपुट्ठ प्रपुष्ट प्रपृष्ट प्रस्पृष्ट १३० पडिसरित प्रतिसृत १६९-१७१ पतिग्गह पतिग्रह १६८ पपुत प्रप्लुत १५५ पडिसामिज्जमाण ? १९८ पतिजेट्ठ प्रतिज्येष्ठ २१९ पप्पड भोज्य १८२ पडिसायण प्रतिशातन ११ पतिट्ठाण प्रतिष्ठान ३१ पप्परूव प्राप्यरूप १५३ पडिसिद्ध प्रतिषिद्ध १६९-१७१ पतिहारक कर्माजीविन् १६० पप्फडित प्रस्फटित १७१ पडिसेज्जक शयन ६५ पतुज्ज वस्त्र १६३ पप्फोडित प्रस्फोटित १६९ पडिसेधित प्रतिषेधित १४८ पते पतेत ४५ पब्भट्ठ प्रभ्रष्ट १६९-१७१ पडिहारक प्रतिहारक ७९ पत्तकूर भोज्य ६४ पमज्जितापमट्ठ . प्रमाजितापमृष्ट २३ पड़िहारित प्रतिहारित १६९-१७१ पत्तगत दोहदप्रकार १७२ पमदायं प्रमदायाम् २९ पडिहारी प्रतिहारी ८८ पत्तभज्जित भोज्य १८२ पमद्द योग २०९ पढमकप्पिगो प्रथमकल्पिक: ८२ पत्तभंड भाण्ड ६५ पमिलात प्रम्लान २०३ पढमिल्लक प्रथमक २५९ पत्तमय आभू. १६२ पमुक्क प्रमुक्त १६९ पणतालीस पञ्चचत्वारिंशत् १२७ पत्तरस १८१ पमुच्छित प्रमूच्छित १६९-१७१ पणतालीसतिवग्गा ५९ पत्तहारक त्रीन्द्रियजन्तु २६७ पमुट्ठ प्रमृष्ट १७१ पणतीस १२७ पत्तंग वर्णमृत्तिका २३३ पमुत्त ? क्रिया. १३० पणतीसतिवग्गा ५९ पत्तंवेल्लि भोज्य ७१ पमुह प्रमुखक १६ पणत्तिणी प्रनप्तृका , ६८ पत्ति भाण्ड ७२ पम्मुअ ? क्रिया. २१५ पणवमज्झ पणवमध्य २५७ पत्तुण्ण वस्त्र १४२-१६३ पम्हुट्ठ प्रस्मृत १३०-१३९-१६९ पणस वृक्ष ६३ पत्तुण्ण भाण्ड २३० पम्हुत प्रस्मृत १७१ पणस फल २३१ पत्तेकसो प्रत्येकशः २१५ पयणु प्रतनु ११७ पणसक भाण्ड ६५ पत्तेगपुप्फ १७७ पयलाइतविभासा पडलं ४७ पणसक नकुलिका प्रकार २२१ पत्थरिय प्रस्तृत ११७ पयलाइताणि ४६-१२९ पणाली प्रणाली ३२-३३-२२२ पत्थारइत्तु प्रस्तार्य ७ पयलायमाण प्रचलायमान ४४-१३५ पणितगिह पणितगृह १३६-१३८ पत्थित प्रस्थित १९१ पयलायंत प्रचलायमान ३७ पणिवते प्रणिपतेत् ५६ पत्थिवपडिमा पार्थिवप्रतिमा १८३ पयादार १४४-१४५ प्रणुवीसक १२७ पत्थीणाई ५९-१२४-१२९ पयाविसुद्धी अज्झाय १६८ पणुवीसतिवग्गा ५९ पत्थुत प्रस्तृत ११६ पयुका आभू. ७१ पणुवीसपण्णासवस्ससाधारणाणि ५७ पदक्कमणक उत्सव ९७ पयुमक उद्भिज्ज २२९ पणुवीसवस्सप्पमाणाणि ५७ पदग्गाह पदग्राह १४४ पयुमरत्तक वस्त्र १६४ पण्णत्तरिवस्सप्पमाणाणि ५७ पदबुद्धी पदबुद्धि ८ पयोजयिस्सामि प्रयोजयिष्यामि ८ पण्णत्तरिवस्ससतसाधारणाणि ५७ पदुम पद्म ३९-६३ परक्का ५८-१२३-१२९ पण्णरस १२७ पदुम स्थल-जलचर २२७ परग्घ १३०-१४४-१४६-१६८ पण्णरसवग्गा ५९ पदुमक वर्ण १०५ परघतरक पराय॑तरक १६ पण्णवोट्टल दे० पर्णगठरिका ३० पदे पतेत् ४५ परग्घम्हि पराये पण्णा प्रज्ञा ९ पदोलि प्रतोली २०० परणोल्लणा परनोदना ४४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470