Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 386
________________ आगत्य १९२ आधारणाय द्वितीयं परिशिष्टम् शब्द पत्र शब्द पत्र शब्द पत्र । अंतणिज्जमाण अन्तर्नीयमान १९६ आगच्छते किया. ८४ आदंसगिह आदर्शगृह १३६-१३८ अंतत्था १५३ आगण्णेति आकर्णयति १०७ आदाणणक्खत्त २०९ अंतपाल ८९ आगतविभासा णामं पडलं ४२ आदित्तमंडल ११५ अंतर १२६ आगताणि सोलस ४१ आदिपंडक नपुंसकविशेष २२४ अंतरंस १८७ आगमगिह आगमगृह १३६ आदेयाणि १२८ अंतरिज्ज अन्तरीय वस्त्र ६४-१६४ आगमण अज्झाय ... १३०-१३५ आधात्मचिंताय अध्यात्मचिन्तया ५७ अंतरिय अन्तरीय वस्त्र २२२ आगमणजोणि १३९ आधायित क्रिया. २१५ अंतलिक्खाय अन्तरिक्षक १ आगमणविधिविसेस ९-१०-५९ आधार आहार १७८ अंता ५८-१२१-१२९ आगमेसभद्द आगमिष्यद्भद्र १०८ आधारइता आधारयित्वा ६७-८१ अंतोघर अन्तर्गृह ३२ आगमेहिति आगमिष्यति ८४ आधारए आधारयेत् ११ अंतोणाद अन्तर्नाद ४३ आगम्म आधारणायाः अंतोवारीय अन्तर्वार्याम् ८५ आगम्मगिह १३८ आधारणो अज्झाओ अंदोलंति किया. ८० आगर आकर २०१ आधारतित्ता आधार्य अंधक फल २३८ आगामिभद्द १०८ आधारयितू आधार्य १८५ अंधी आन्ध्रदेशजा ६८ आगारेति आकर यति १०७ आधारयित्ता आधार्य ४० - अंब आम्रवृक्ष ६३ आचमणिका भाण्ड २५५ आधावितक क्रिया. १६६ अंबकधूवि भोज्य ७१ आचरिय गोत्र १५० आधिपच्च आधिपत्य ११२ अंबट्ठिक भोज्य १८२-२४६ आचिक्खति आचष्टे ८३-१०७ आधुत क्रिया. ८० अंबपिंडी भोज्य ७१ आचित क्रिया. १६५ आधोधिक आधोऽवधिक ९ अंब(त)राई ५९ आच्छण्ण आच्छन्न १७ आपडित आपतित अंबाडक गोशालकमत २४५ १७१ वृक्ष ६३ आजीवक अंबाडकधूवी भोज्य ७१ आजीवणिक आपंचमंडल ११६ पर्वतः अंबासण ७८ आजोग आपुणेय आयोग २० १२४-१४९ अंबिल अम्ल २२० आज्ञयणीय अध्ययनीय १४७ आपुरायण गोत्र १५० अंबिलक भोज्य १७९ आडवक कर्माजीविन् १६० अंबिलजवागू भोज्य १८१ आडविक आपीड २५९ अंबेल्लि भोज्य ७१-१७९-२४६ आडा आपीडचिह्न १४९ अंसकूड अङ्ग ७२ आणावचरणिग स्थल-जलचर २२७ आफकी वृक्षजाति अंसकोवकरण १३४ आणु(णू)क लक्षण १७३-१७४ आबद्धक कर्णआभू. १६२ अंसपीढाणि अङ्ग ११८ आणुतासवेला ? क्रिया. १९८ अंसवीफाणिए अङ्ग ९९ आणेयाणि आ आतवगिह आतपगृह १३६-१३८ आभरणगत दोहदप्रकार १७२ आइल आविल ४ आतवितक वस्त्र १६३ आभरणजोणी ६५ आउर आतुर १२ आतिअ[ति] आददाति १०७ आभरणजोणी अज्झाय १४०-१६२-१६३ आउंडित आकुञ्चित १९८ आतिगंछिति आचिकित्सति ८४ आभरणाधिगत कर्माजीविन् १६० आएसण आवेशन १३८ आतिमूलिकाणि ५८ आभिजण ७४-७६-१०४ आओग आयोग २० आतिमूलीया १२१-१२८ आभिजोग्गिक आभियोगिक २६८ आकारण्णपवत्तणा ? ४४ आतुरगिह आतुरगृह १३८ आभिणिबोधिक आभिनिबोधिक आकासवियड ११९ आतुरजोणि १३९ आभिप्पायिक १५७ आकासाणि ५८-११८-१२८ आतुरता १३५ आभियोगिक देवता २०५ आकुंडित आकुञ्चित ११५ आतोज्जसद्द आतोद्यशब्द १८८ आमट्ठ आमृष्ट २१-२४-१११-१२८ आकोडित आकुञ्चित १७१ आदंसग आदर्श-दर्पण १९३ आमतमत आमयमय १९४ पक्षी २३ आपूपिक १५९ आपेलग पक्षी ६९-२२५ आपेलचिध ७० २४७ आबंधण १२८ आबाधिक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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