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अनेकान्त/54/3-4
मोहम्मद गौरी तो आगरा व आसपास के स्थानों को लूटकर 1500 सौ ऊंटों पर लूट का माल ले गया था। 6 जुलाई सन् 1505 में आगरा व आसपास एक भयंकर भूकम्प आया था, जिससे अनेकों इमारतें नष्ट हो गयीं तथा आगरे का प्राचीन बादलगढ़ का किला भी नष्ट हो गया। एक उल्लेख के अनुसार सन् 1501 में सिकन्दर लोदी आगरा आया और उसने इसे अपनी राजधानी बनाया। सिकन्दर लोदी का व्यवहार भी हिन्दुओं तथा जैनों के साथ असहिष्णुता का था। बताते हैं कि एक ब्राह्मण ने इतना कहा कि हिन्दू और मुसलमान दोनों का मत सच्चा है इस बात पर उसने उसकी जान ले ली और मन्दिरों को नष्ट कर डाला तथा तीर्थ यात्राओं पर रोक लगा दी। सन् 1526 में मुगल सम्राट बाबर भारत आया 'बाबरनामा' में उल्लेख है कि बाबर को भारत में जिन विरोधियो की शक्ति का भय था उसमें प्रमुख थे उदयपुर नरेश राणा सांगा। उसने मुकाबला करने के लिये सीकरी को ही चुना और 25 फरवरी 1527 को बाबर राणा सांगा का युद्ध खानवा के मैदान में सीकरी में हुआ जिसमें बाबर की विजय हुई। उस समय भी मूर्तियों को नष्ट किया गया। बाबर की आत्मकथा 'बाबरनामा' पुस्तक जो विश्व की 20 प्रसिद्ध पुस्तकों में गिनी जाती है उसमें भी मन्दिरों को तोड़ने, नष्ट करने की जानकारी दी गयी है। उसी समय एक मुसलमान सन्त शेख सलीम चिश्ती भी दिल्ली से आकर सीकरी की गुफाओं में धर्म ध्यान में लीन रहने लगा। 26.12.1530 को बाबर का निधन हो गया। हुमायूँ गद्दी पर बैठा लेकिन उसका ध्यान सीकरी की ओर नहीं गया तथा 30. 10.1558 को अकबर सम्राट आगरा आ गया उसने अपना निवास स्थान प्रथम आगरा में बनाया। सीकरी का उत्थान एवं विकास :
सीकरी के इतिहास में एक नया मोड़ आया। उन्नति एवं विकास के शुभ लक्षण नजर आने लगे। कहा जाता है कि मुगल सम्राट अकबर की दो संतानें बाल्यकाल में मृत्यु को प्राप्त हो गयी, जिससे उत्तराधिकारी की चिन्ता में सम्राट अकबर दुखी रहने लगा। उसकी भेंट सीकरी की पहाड़ी गुफा में उस युग के प्रसिद्ध सलीम चिश्ती से (जो साधना में लीन रहता था) हो गयी। उसने अकबर के 3 संतान होने का वचन दिया। आमेर की हिन्दू राजपूत रानी की गर्भावस्था के दिन पूर्ण होने के थे। उसने रानी के शेख सलीम के पास भेज