Book Title: Amit Rekhaye Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 9
________________ प्रकाशाकीय अपने प्रेमी पाठकों के कर कमलों में अमिट रेखाएं पुस्तक थमाते हुए मन आनन्द के सागर में उछाले मार रहा हैं । प्रस्तुत पुस्तक के लेखक हैं राजस्थान केसरी प्रसिद्धवक्ता पूज्य गुरुदेव श्री पुष्कर मुनिजी म० के सुशिष्य देवेन्द्र मुनिजी शास्त्री। देवेन्द्र सूनि जी प्रतिभासम्पन्न लेखक हैं, उन्होंने विविध-विधाओं में चालीस से भी अधिक पुस्तके लिखी हैं, जिसका साहित्यिक संसार में अच्छा सम्मान हुआ है। प्रस्तुत पुस्तक में उनके द्वारा लिखी हई ऐतिहासिक व आदर्श कहानियां हैं। ये कहानियां मन को प्रेरणा देती हैं और चिन्तन को उबुद्ध करती हैं। भगवान महावीर की पच्चीस सौ वीं निर्वाण शताब्दी के उपलक्ष्य में लिखी हुई 'महावीर युग की प्रतिनिधि कहानियाँ' पुस्तक भी हम शीघ्र ही पाठकों को समर्पित करना चाहते हैं। साथ ही मुनि श्री का महावीर जीवन पर शोध-प्रबन्ध भी शीघ्र ही प्रकाशित कर रहे हैं। अन्त में हम उन सभी उदारमना दानी महानुभावों का हृदय से आभार मानते हैं जिन्होंने उदार अर्थ सहयोग देकर प्रकाशन शीघ्र करने के लिए हमें उत्प्रेरित किया है । भविष्य में भी उनसे अधिक सहयोग की अपेक्षा रखते हैं। -~-मंत्री श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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