Book Title: Amit Rekhaye Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 7
________________ १० की स्पर्श करना लेखक के लिए आवश्यक है पर प्रवाह एकता का निर्वाह तो उसके लिए अनिवार्य रूप से आवश्यक है, वह घटनाओं का तारतम्य उपस्थित करे, वह चरित्र निर्माण का ऐसा आदर्श ग्रहण करे, जो अभिष्ट प्राप्ति में सहायक हों, पर उसमें भरती का एक शब्द भी नहीं होना चाहिए ।' जैक लण्डन का मत है— कहानी मूर्त सम्बद्ध, त्वरा गणमयी, सजीव और रुचि कर होनी चाहिए ।" जे० वी० ईसनबीन ने लिखा है 'प्रभाव की एकता, कथानक की श्रेष्ठता, घटना की प्रधानता पात्र और किसी एक समस्या का समाधान कहानी में ये पाँच गुण होने चाहिए ।" शैली की दृष्टि से कहानियों का विभाजन इस प्रकार हो सकता है । १ वर्णनात्मक २ कथोपकथन - प्रधान ३ आत्म-कथन-प्रधान ४ डायरी - प्रधान ५ पत्र - प्रधान प्रस्तुत पुस्तक में जो कहानियां है वे वर्णनात्मक और कथोपकथन की मिश्रित शैली में लिखी गई हैं । विषय की दृष्टि से आज तक जो कहानी साहित्य लिखा गया है उनका वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है Jain Education Internationa For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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