Book Title: Amit Rekhaye Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 8
________________ १ प्रेम कहानियां २ ऐतिहासिक-कहानियां ३ जासूसी-कहानियां ४ जीवन-हास्य पर प्रकाश डालनेवाली आश्चर्यकहानियां ५ व्यंग तथा हास्य कहानियां ६ आदर्श कहानियां ७ मनोवैज्ञानिक-कहानियां विषय की दृष्टि से प्रस्तुत पुस्तक में ऐतिहासिक, और आदर्श कहानियां जा रही हैं। ये कहानियाँ कुछ तो जून १९७३ में लिखी हैं और कुछ कहानियाँ १६६३ में। इस प्रकार कुछ नई और कुछ पुरानी कहानियों का इसमें सूमेल हो गया है। परम श्रद्धेय राजस्थान केसरी पूज्य गुरुदेव श्री पुष्कर मुनिजी म० की अपार कृपा दृष्टि से ही मैं प्रगति के पवित्र पथ पर बढ़ रहा हूँ, अतः किन शब्दों में उनका आभार व्यक्त करू यह मुझे सूझ नहीं रहा है। साथ ही 'सरस' जी के मधुर स्नेह को भी भूल नहीं, सकता, जिन्होंने पुस्तक को मुद्रण कला की दृष्टि से सुन्दर ही नहीं अति सुन्दर बनाई है। -देवेन्द्र मुनि शास्त्री स्थानकवासी जैन पंडाल लाखन कोटडी अजमेर १ अगस्त १९७३ Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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