Book Title: Amarbharti
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ विषय १. भारतीय संस्कृति का सजग प्रहरी २. बरसो मन, सावन बन बरसो विषय-सूचना प्रथम खण्ड ३. मानव मन का नाग पास : अहंकार ४. यो वै भूभा तत्सुखम् ५ मानव की विराट चेतना ६. भारत की विराट आत्मा ७. काल पूजा : धर्म नहीं ८. ध्येय-हीन जीवन व्यर्थ है 8. जैन - संस्कृति का मूल स्वर १०. समस्या और समाधान ११. जब तू जागे तभी सबेरा १२. मानवता की कसौटो १३. संयम की साधना १४. दीप पर्व १५. वर्षावास की पूर्णाहुति १६. हरिजन दिवस १७. वर्षावास की विदा १. अनेकान्त दृष्टि २. सच्चा साधक ३. संसार बुरा नहीं Jain Education International द्वितीय खण्ड ( ७ ) For Private & Personal Use Only पृष्ठ m ७ १४ १८ २४ २८ ३२ ३६ ४२ ४७ ५३ ५६ ६० ६५ ७० ૭૪ ८० ८७ ६४ ह www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 210