Book Title: Agam 44 Chulika 01 Nandi Sutra Author(s): Devvachak, Jindasgani Mahattar, Punyavijay Publisher: Prakrit Granth Parishad View full book textPage 6
________________ प्राकृतग्रन्थपरिषद् ग्रन्थाङ्क ९ Jain Education International सिरिदेववायगविरइयं नंदीसुत्तं सिरिजिणदासगणिमहत्तरविरइयाए चुण्णीए संजयं संशोधकः सम्पादकश्च मुनिपुण्यविजयः जिनागमरहस्यवेदिजैनाचार्य श्रीमद्विजयानन्दसूरिवर (प्रसिद्धनाम - आत्मारामजीमहाराज) शिष्यरत्न प्राचीन जैनभाण्डागारोद्धारकप्रवर्तकश्रीमत्कान्तिविजयान्तेवासिनां श्रीजैन आत्मानन्दग्रन्थमालासम्पादकानां मुनिप्रवरश्रीचतुरविजयानां विनेयः प्राकृत ग्रन्थ परिषद् अहमदाबाद- ३८०००७. इस्वी सन् २००४ For Private Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 142