Book Title: Agam 38 Chhed  05 Jitkalpa Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai

Previous | Next

Page 10
________________ PO95555555555555 (३८-१) जीयकप्प सुत्तं पंचम छेयसुतं श CC乐乐乐乐乐听听听听听听听听听乐乐乐乐听听听听听听听听听听乐乐乐乐乐明明明明明明明明纸乐乐乐乐历乐乐6CM य बायर - पाहुडियाए सपच्चवायाहडे लोभे ॥३५॥ अइरं अनंत - निक्खित्त - पिहिय - साहरिय - मीसयाईसु संजोग - स - इंगाले दुविह - निमित्ते य खमणं तु ॥ ३६॥ कम्मुद्देसिय - मीसे धायाइ - पगासणाइएसुं च पुर - पच्छ - कम्म - कुच्छिय - संसत्तालित्त - कर - भत्ते ॥३७॥ अइरं परित्त - निक्खित्त - पिहिय - साहरिय - मीसयाईसु अइमाण - धूम - कारण विवज्जए विहिय मायामं ॥३८॥ अज्झोयर - कड - पूईय - मायाऽनंते परंपरगए यमीसानंतानंतरगया इए चेगमासणयं ॥ ३९॥ ओह - विभागुद्देसोवगरण - पूईय - ठविय - पागडिए लोउत्तर - परियट्टिय - पमिच्च - परभावकीए य ॥४०॥ सग्गामाहृड - दद्दर - जइन्नमालोहडोझरे पढमे सुहुम - तिगिच्छा - संथव - तिग - मक्खिय - दायगो वहए ।। ४१ ॥ पत्तेय - परंपर - ठविय - पिहिय - मीसे अनंतराईसु पुरिमड्ढं संकाए जं संकइ तं समावज्जे ॥४२॥ इत्तर - ठविए सुहुमे ससणिद्ध - ससरक्ख - भक्खिए चेव मीस - परंपर - ठवियाइएसु बीएसु याविगई ॥४३॥ सहसाऽणाभोगेणव जेसु पडिक्कमणमभिहियं तेसु आभोगओत्ति बहुसो - अइप्पमाणे य निव्विगई ।। ४४॥ धावण - डेवण - संघरिस - गमण - किड्डा - कुहावणाईसु उक्कुट्ठि- गीय - छेलिय - जीवरुयाईसु य चउत्थं ॥ ४५|| तिविहोवहिणो विच्चुय - विस्सारियऽपहियानिवेयणए निव्वीय - पुरिममेगासणाइ सव्वम्मि चायामं ॥ ४६॥ हारिय - धो - उग्गमियानिवेयणादिन्न - भोग - दानेसु आसण - आयाम - चउत्थगाइ सव्वम्मि छटुंतु ॥४७॥ मुहनंतय - रयहरणे फिडिए निव्वीययं चउत्थं च नासिय - हारविए वा जीएण चउत्थ - छट्ठाइं ॥४८॥ कालऽद्धाणाईए निव्विइयं खमणमेव परिभोगे अविहि - विगिंचणियाए भत्ताईणं तु पुरिमड्ढं ।। ४९॥ पाणस्सासंवरणे भूमि - तिगापेहणे य निव्विगई सव्वस्सासंवरणे अगहण - भंगे य पुरिमड्ढं ॥ ५०॥ एयं चिय सामन्नं तवपडिमाऽभिग्गहाइयाणं पि निव्वीयगाइ पक्खिय - पुरिसाइ __- विभागओ नेयं ॥५१॥ फिडिए सयमुस्सारिय - भग्गे वेगाइ वंदणुस्सग्गे निव्वीइय - पुरिमेगासणाइ सव्वेसु चायाम ।। ५२ ।। अकएसु य पुरिमासण - आयाम सव्वसो चउत्थं तु पुव्वमपेहिय - थंडिल - निसि - वोसिरणे दिया सुवणे ॥५३॥ कोहे बहुदेवसिए आसव - कक्कोलगाइएसुं च लसुणाइसु पुरिमड्ढं तन्नाई - बन्ध - मुयणे य ॥ ५४॥ अझुसिर - तणेसु निव्वीइयं तु सेस - पणएसु पुरिमड्ढे अप्पडिलेहिय - पणए आसणयं तस - वहे जं च ॥५५॥ठवणमणापुच्छाए निव्विसओ विरिय - गृहणाए य जीएणेक्कासणय सेसय - मायासुखमणं तु ॥५६॥ दप्पेणं पंचिदिय - वीरमणे संकिलिट्ठ - कम्मे यदीहऽद्धाणासेवी गिलाण - कप्पावसाणे य ॥ ५७॥ सव्वोवहि - कप्पम्मि य पुरिमत्ता पेहणे य चरिमाए चाउम्मासे वरिसे य सोहणं पंच - कल्लाणं ॥५८|| छेयाइमसद्दहओ मिउणो परियाय - गविवयस्स वि य छेयाईए वि तवो जीएण गणाहिवइणो य ॥ ५९॥जंजं न भणियमिहई तस्सावत्तीए दान - संखेवं भिन्नाइया य वोच्छं छम्मासंताय जीएणं ॥६० ॥ भिन्नो अविसिट्ठो च्चिय मासो चउरो य छच्च लहु - गरुया निव्वियगाई अट्ठमभत्तंत दानमेएसिं ॥६१॥ इयसव्वावत्तीओतवसोनाउंजह - कम्मं समएजीएणदेज्ज निव्वीइगाइ - दानं जहाभिहियं ॥६२ ।। एयं पुण सव्वं चिय पायं सामन्नओ विणिद्दिढं दानं विभागओ पुण दव्वाइ - विसेसियं जाण ॥ ६३ ॥ दव्वं खेत्तं कालं भावं पुरिस - पडिसेवणाओ य नाउमियं चिय देज्जा तम्मत्तं हीनमहियं वा ॥६४ । आहाराई दव्वं बलियं सुलहं च नाउमहियं पि देज्जा हि दुब्बलं दुल्लहं च नाऊण हीनं पि ।। ६५॥ लुक्खं सीयल - साहारणं च खेत्तमहियं पि सीयम्मि लुक्खम्मि हीनतरयं एवं काले वि तिविहम्मि ॥६६ ।। गिम्ह - सिसिर - वासासुं देज्जऽट्ठम - दसम - बारसंताई। नाउं विहिणा नवविह - सुयववहारोवएसेणं ॥६७।। हट्ठ - गिलाणा भावम्मि - देज हट्ठस्स न उ गिलाणस्स जावईयं वा विसहइ तं देज सहेज्ज वा कालं ॥ ६८ ॥ पुरिसा गीयाऽगीया सहाऽसहा तह सढाऽसढा केई परिणामाऽपरिणामा अइपरिणामा य वत्थूणं ॥६९ ॥ तह धिइ - संघयणोभय - संपन्ना तदुभएण हीणा य आय - परोभय - नोभय - तरगा तह अन्नतरगा य ॥७०॥ कप्पट्ठियादओ वि य चउरो जे सेयरा समक्खाया सावेक्खेयर - भेयादओ वि जे ताण पुरिसाणं ॥ ७१ ॥ जो जह - सत्तो - बहुत्तर - गुणो व तस्साहियं पि देज्जाहि हीणस्स हीणतरगं झोसेज्ज व सव्व - हीणस्स ॥ ७२ ॥ एत्थ पुण बहुतरां भिक्खुणो त्ति अकयकरणाणभिगया य जंतेण जीयमट्ठमभत्तंतं निव्वियाईयं ।। ७३ ॥ आउट्टियाइ दप्प - प्यमाय - कप्पेहि वा निसेवेज्जा दव्वं खेत्तं कालं भावं वा सेवओ पुरिसो ।। ७४ ॥ जंजीय - दानमुत्तं एयं पायं पमायसहियस्स एत्तो च्चिय ठाणंतरमेगं वड्ढेज दप्पवओ ॥७५|| आउट्टियाइ ठाणंतरं च सट्ठाणमेव वा देज्जा कप्पेण पडिक्कमणं Re0555555555555555555555554[ श्री आगमगुणभजूषा - १४६४ |555555555555555555555 9595%2FOTOX ONO$听听听听听听听听听乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听明明明明明明明明明明乐乐QLO

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74