Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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उत्तरज्झयणाणि
इइ एसा वियाहिया
इइ कप्पोवगा सुरा इइ चउरिंदिया एए
इइ जीवमजीवे य
इइ जीवा वियाहिया
इइ दुप्पूरए इमे आया
इइ नेरइया एए
इइ पाउकरे बुद्धे इइ फासपरिणया एए इइ बाले पगब्भई
इइ बेइंदिया एए इइ भिक्खू न चिंतए इइ विज्जा तवं चरे
इंदियत्थे विवज्जित्ता
इंदियाण य जुंजणे इंदियाणि उ भिक्खुस्स इक्किक्कभवग्गणे
विज्जासंच इइ वैमाणिया देवा
इओ चुओ गच्छइ कट्टु पाव
इंगाले मुम्मुरे अगणी इंगियागारसंपन्ने
इंदगोवगमाईया
इंदासणिसमा घोरा
इंदियग्गामनिग्गाही
इक्खागरायवसभो
इच्चेए तसा तिविहा इच्चेए थावरा तिविहा इच्छंतो हियमप्पणो इच्छं निओइउं भंते !
इच्छामि अणुसासि
इच्छामो नाउं भवओ सगासे
च्मणोरतुरियं
इट्ठा रामकेसवा
इड्ढि वित्तं च मित्ते य इड्ढीगारविए एगे इही जुई जसो वण्णो
इड्डी जुई तस्स वि य प्पभूया इड्डी वावि तवस्सिणो इडीसक्कारसम्माणं इणमुदाहु कयंजली इत्तिरिया मरणकाले इत्तिरिया सावकखा
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१८-२४; ३६-२६८ ३६- २० ५-७ ३६ - १३० २-७,१२,२६, ४४, ४५
इच्छा उ आगाससमा अणंतिया
इच्छाकामं च लोभं च
इच्छाकारो य छट्टओ
इच्छाकारो य सारणे
३६-१६७ इत्तो उ तसे तिविहे ३६-२११ इत्तो कालविभागं तु
३६-१४६
३६- २४६
३६- २४८
१६
३६- १५७
८
६-४६; १८-३१ १८- ३०
३६-२१६
२०-४७
३६-१०६
३६-१३६
२०-२१
२५-२
२४-८
२४-२४
३५-५
90-9'8
१८-३६ ३६-१०७ ३६-६६,१०६
६४८
इमं सिंहं चित्तधणप्पभूयं
इमं च मे अत्थि इमं च नत्थि इमं च मे अत्थि पभूयमन्नं इमं च मे किच्च इमं अकिच्च १-२ इमं देहं समुद्धरे इमं पट्टमुदाहरे
इममि लोए अदुवा परत्था इमं वक्कं उदाहरे
१-६ २६-६
६-४८
३५-३
२६-३
२६-६
२०-५६
इत्तो जीवविभत्तिं इत्थीविसयगिद्धे य
इत्थीहिं अणभिदुए इत्थीजणस्सारियझाणजोग्गं इत्थीण चिंत्तसि निवेसइत्ता इत्थीपसुविवज्जिए
इत्थी पुरिससिद्धा य
इत्थी वा पुरिसो वा इत्थी विप्पजहे अणगारे इमं एयारिसं फलं
३६- १०६ ३६-११,७८, १११, १२०, १८६, २१७ ३६-४७
७-६
३५-७
३२-१५
३२-१४
३०-२८
३६-४६
३०-२२
८- १६
१३- २६
१३-१३
98-94
१२- ३५ १४- १५ ६-१३
५- १
४-५ २२-३६
१४-८ ६-६; १२-५; १३-४; १६-६; २५-१०
इमं वयं वेयविओ वयंति इमं वयणमब्बवी
इमं सरीरं अणिच्चं
१६-१२
१२ - ८ १३- ७
इमाई वयणाइमुदाहरित्था इमा नो छट्टिया जाई इमा वा सा व केरिसी ? इमाहि महुराहिं वहिं
२३-११ ६-५५
इमा हु अन्ना वि अणाहया निवा ! २०-३८ इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं १६ सू० ३ इमे ते खलु बावीसं परीसहा० २ सू० ३ इमेण कमजोगेण ३६-२५० १४-४५
इमे य बद्धा फंदंति
इमे वि से नत्थि परे वि लोए
इमे संगे वियाणिज्जा
१२-४५
२२-२५ २२-२
१६-५७ इयरो वि गुणसमिद्धो
२७-६ इरिएसणभासाए ७-२७ इरियट्ठाए य संजमट्टाए १३-११ इरियाए भासाए तहेसणाए २-४४ इरियाभासेसणादाणे ३५-१८ इसिं पसाएइ सभारियाओ २०-५४; २५-३५ इसिज्झयं जीविय वूहइत्ता ३०-६ इसिस्स वेयावडियट्टयाए ३०-६ इसीहि चिण्णाइ महायसेहिं
परिशिष्ट १ : पदानुक्रम
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इस्सरियं केवलं हिच्चा
इस्सा अमरिस अतवो
इहं तु कम्माई पुरेकडाई
इहं बोंदि चइत्ताणं इहं सि उत्तमो भंते !
इह कामगुणेहि मुच्छिया
इह कामणियदृस्स
इह कामाणियट्टरस
इह जीविए राय ! असासणम्मि
इह जीवियं अणवकखमाणो
इह जीवियं अणियमेत्ता इहज्जयंते समणो म्हि जाओ इहमेगे उ मन्नंति
उक्कोसा सागरा उ दुण्हऽहिया उक्कोसा होइ किण्हाए उक्कोसा होइ टिई उक्कोसा होइ पुव्यकोडी उ उक्कोसिया टिई होइ २०-४६ उक्कोसेण उ साहिओ ३५-२ उक्कोसेण टिई भवे
इमो धम्मो व केरिसो ?
इय गेविज्जगा सुरा
२३-११ ३६-१२५
इय जे मरंति जीवा ३६- २५७, २५८, २५६
२०-६०
१२-२ २६-३२
२०-४० उक्कोसोगाहणाए य उग्गओ खीणसंसारो १२- ३० उग्गमो विमलो भाणू
२४-२
२०-४३
उग्गं तव चरित्ताणं
१२-२४
उग्गं महव्वयं बंभ
२१-२२ उग्गमुण्णायणं पढमे
इह लोए निष्पिवासस्स
इहागच्छऊ कुमारो इहेव पोसहरओ ईसाणम्मि जहन्नेणं
ईसीप भारनामा उ ईहई नरयाउयं
१८- ३५
३४-२३
१३-१६
३६-५६
६-५८
उक्कोसेण तु साहिया उक्कोसेण वियाहिया
१०-२०
७-२६
७-२५
१३-२१
१२-४२
८-१४
१३-१२
६-८
१६-४४
२२-८
६-४२
(उ
उक्कत्तो य अणेगसो उक्कलियामंडलिया उक्कलुद्दहिया तहा उक्का विज्जू य बोद्धव्वा
उक्कुद्दइ उप्फिडई
२७-५
उक्कोसं जीवो उ संवसे १०-५ से १४ उक्कोसा सा उ समयमम्भहिया ३४-४६, ५०
५४, ५५ ३४-५२ ३४-४८ ३४-३४ से ३६
३६-२२३
३६-५७
७-४
१६-६२
३६-११८
३६-१३७
३६-११०
३४-४६
३३-१६
३६-१६२
३६-२१६,२२०, २२४
से २४३ ३६-१८५
३३-२२,३६-११३, १३२, १४१,१५१, १६० से १६६, १७५ १७६, १८४,२००, २०१,२२२, २२३ उक्कोसेण सई भवे ५-३ ३६-५०, ५३ २३-७८
२३-७६
२२-४८
१६-२८
२४-१२
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