Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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उत्तरज्झयणाणि
६६६
परिशिष्ट १: पदानुक्रम
१-१८
२६-३३
निक्खंता जिणसासणे १५-४६ निरट्ठिया नग्गरुई उ तस्स २०-४६ नेरइया सत्तविहा
३६-१५६ निक्खंतो जिणसासणे १८-१९ निरवकंखा बिइज्जिया
३०-६ नेव किच्चाण पिट्टओ निक्खमणं तस्स काउंजे २२-२१ निरवेक्खो परिव्वए
६-१५ नेव कुज्जा कयाइ वि
१-१७ निक्खमिय बारगाओ २२-२२ निरस्साए उ संजमे १६.३७ नेव कुज्जा परिग्गहं
२-१६ निक्खिवित्ताणं भायणं
२६-३६ निरासवे संखवियाण कम्म २०-५२ नेव चिट्टे न संलवे निगमे य आगरे पल्ली ३०-१६ निरोवलेवाइ असंथडाई २१-२२ नेव ताणायं तं तव
१४-३६ निगमे वा रायहाणिए २-१८ निवडइ राइगणाण अच्चए १०-१ नेव पल्हत्थियं कुज्जा
१-१६ निग्गंथो वि न करेज्ज छहिं चेव २६-३३ निवेसइ निवज्जई
२७-५ नेव सेज्जागओ कया निग्गंथे पावयणे २१-२ निव्वत्तई जस्स करण दुक्खं ३२-३२,४५ नेहपासा भयंकरा
२३-४३ निग्गंथो धिइमंतो
५८,७१,८४,६७ नो अइमायाए पाणभोयणं आहरेत्ता --- निग्गया होहिई मन्ने २७-१२ निव्वत्तयंती अमुणन्नयं वा ३२-१०६
१६सू०१० निच्चं भीएण तत्थेण १९-७१ निव्वाणं च न गच्छइ
११-६ नो इंदियग्गेज्झ अमुत्तभावा १४-१६ निच्चं मुइयमाणसो १६-३ निव्वाणं ति अबाहति
२३-८३ नो इत्थीणं इंदियाई .. १६-सू०६ निच्चकालप्पमत्तेणं १६-२६ निव्वाणं परमं जाइ
३-१२ नो इत्थीणं कहं कहित्ता हवइ १६ सू०४ निच्चसो परिवज्जए १६-३,७,१०,१४ निव्वाणमग्गं विरए उवेइ
२१-२० नो इत्थीर्ण कुडुतरंसि वा . १६ सू०७ निच्चाउत्तेण दुक्करं १६-२६ निव्वावारस्स भिक्खुणो
६-१५ नो इत्थीहिं सद्धिं ...
१६ सू०५ निज्जाइ उदगं व थलाओ - निविण्णकामो मि महण्णवाओ १६-१० नो एणं पडिवज्जए
३-१० निज्जाओ वण्हिपुंगवो २२-१३ निविण्णसंसारभया जहाय १४-२ नोकसायं तहेव य
३३-१० निज्जाणं पावगं इमं २१-६ निव्यितिगिच्छा अमृढदिट्टी य २८-३१ नो ताहि विणिहन्नेज्जा
२-१७ निज्जूहिऊण आहारं ३५-२०. निविसया निरामिसा १४-४६ नो तेसि वयइ सिलोगपूयं
१५-६ निद्दा तहेव पयला ३३-५ निव्वेएण भंते! जीवे किं २६ सू० ३ नो तेसिमारभे दंडं
८-१० निद्दानिद्दा य पयलपयला य ३३-५ निसंते सियाऽमुहरी
१-८ नो निग्गंथे पुव्वरयं पुबकीलियं निद्दासीले पगामसो १७-३ निसग्गुरुइ त्ति नायब्बो
२८-१८ अणुसरित्ता हवइ... १६ सू० ८ निद्धंतमलपावर्ग २५-२१ निसग्गुवएसरुई
२८-१६ नो पणीयं आहारं आहरित्ता हवइ... निद्धंधसपरिणामो ३४-२२ निसन्नं रुक्खमूलम्मि
२०-४
__ १६ सू०६ निर्बुणित्ताण निग्गओ १६-८७ निसीएज्जप्पकुक्कए
१-३० नो रक्खसीसु गिज्झेज्जा निंदणयाए णं भंते! जीवे किं २६ सू०७ निसेज्जं पायकंबलं
१७-७ नोवलिप्पइ वारिणा
२५-२६ निन्नेहा निप्परिग्गहा १४-४६ निस्संकिय निक्कंखिय
२८-३१ नो विभुसाणुवाई हवइ, से निग्गथे १६सू० ११ निभरिच्छे रुहिरं वमंते १२-२६ निस्संगो चत्तगारवो
१६-८६ नो वि य वंदणगं कुओ पसंसं १५-५ निमंतयंतं च सुए धणेणं १४-११ निस्संसो अजिइंदिओ
३४-२२ नो सक्कियमिच्छई न पूर्व
१५-५ निमंतिओ य भोगेहि २०-५० निहंतूण उवायओ
२३-४१ नो सद्दरूवरसगंधफासाणुवाई हवइ..... निमज्जिउ मोहमहण्णवम्मि ३२-१०५ निहियं दुहओ वि विरायइ ११-१५
१६सृ० १२ निमित्त कोऊहल संपगाढे २०-४५ नीया तंतवगाविय ३६-१४८ नो सुजहा अधीरपुरिसेहि
८-६ निमित्तेण य ववहरई १७-१८ नीयावित्ती अचवले
११-१० नो हीलए नो वि य खिसाएज्जा १६-८३ निमेसतरमित्तं पि १६-७४ नीयावित्ती अचवले ३४-२७ नो हीलए पिंडं निरसं तू
१५-१३ निम्ममत्तं सुदुक्करं १९-२६ नीललेसं तु परिणमे
३४-२४ निम्ममो निरहंकारो १६-८६३५-२१ नीललेसा उ वण्णओ
३४-५ निम्मोयणिं हिच्च पलेइ मुत्तो १४-३४ नीलासोगसंकासा
३४-५ पइण्णगं दिट्टिवाओ य
२५-२३ नियगाओ भवणाओ २२-१३ नीहरंति मयं पुत्ता १४-१५ पइण्णवाई दुहिले
११-६ नियडिल्ले अणुज्जुए ३४-२५ नीहारिमणीहारी ३०-१३ पइरिक्कुवस्सयं लद्धं
२-२३ नियंठधम्म लहियाण वी जहा २०-३८ नीहासा य निराणंदा
२२-२८ पइरिक्के परकडे वा
३५-६ नियत्तेज्ज जयं जई २४-२१,२३,२५ नेच्छई सामुदाणियं
१७-१६ पउंजेज्ज इमं विहिं
२४-१३ नियत्तो हाससोगाओ १६-६१ नेयाउयं दट्टमदटुमेव
पएसग्गं खेत्तकाले य
३३-१६ नियाणमसुहं कडं १३-२८ नेयारिसं दुत्तरमत्थि लोए ३२-१७ पएसग्गमणंतर्ग
३३-१७ निरंगणे सव्वओ विप्पमुक्के २१-२४ नेरइयतिरिक्खाउ
३३-१२ पओगकाले य दुही दुरते ३२-३१,४४, निरट्टगम्मि विरओ १-४२ नेरइयतिरिक्खा य
३६-१५५
५७,७०,८३,६६ निरट्ठसोया परियावमेइ २०-५० नेरइयाणं तु अंतरं . ३६-१६८ पंकभूया उ इथिओ
२-१७ निरट्ठाणि उ वज्जए १-८ नेरइयाणं वियाहिया ३६-१६७ पंकाभा धूमाभा
३६-१५७
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